गांधी दर्शन सर्वधर्म संभाव का देती है संदेश:पाल

डॉ.तेजराम की गांधी दर्शन नीति को लेकर चिंतन छोड़ती है
सिवनी, 09 मार्च। गांधी दर्शन के मुख्य आधार वैदिक दर्शन,जैन दर्शन,बौद्ध दर्शन और योग दर्शन के संदर्भित मूल्यों को आधार बनाकर जिले के ही निवासी डॉ.तेजराम पाल सहायक प्राध्यापक (अतिथि विद्वान) दर्शन शास्त्र विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय द्वारा लिखित पुस्तक गांधी दर्शन समदर्शी नीति शास्त्र के आधार का विमोचन जबलपुर में कुलपती कपिल देव मिश्रा एवं दर्शन शास्त्र विभागाध्यक्ष भरत कुमार तिवारी, कार्य परिषद सदस्य प्रो.निखिल देशकर,एनजी पेंडसे की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
कृति में वसुधैव कुटुम्बकम के मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर जो बात कही गई है, वह बहुपयोगी है।
गांधी नीति दर्शन में सत्य,अंहिसा,अस्तेय,अपरिग्रह, ब्रहचर्य, अभय, अस्पृश्यता, निवारण, अस्वाद,शारीरिक-श्रम,सर्व धर्म संभाव और स्वदेशी व्रत के उद्देश्य की आवश्यकता पर बल दिया गया है। जिसको लेकर विद्वानों ने कृति की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।
हिन्दुस्थान संवाद
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