मतगणना से पहले BJP के दिग्गज नेताओं का ग्वालियर में जमावड़ा, सीएम को लेकर चर्चाएं तेज

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के परिणामों से पहले टीवी चैनलों के एग्जिट पोल के रुझानों ने भाजपा खेमे में खुशी का माहौल ला दिया है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक जगह इकट्ठा होकर बैठक करना, इस बात की ओर इशारा करता है कि प्रदेश में कुछ बड़ा होने वाला है।

दरअसल, 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतगणना होनी है, लेकिन उससे पहले ग्वालियर- चंबल अंचल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय मंत्री सिंधिया के आमंत्रण पर जयविलास पैलेस पहुंचे। जहां पर उन्होंने भोजन भी किया। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चाएं तेज हो गई है कि अगर 3 दिसंबर को एग्जिट पोल के रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो क्या प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा?

एग्जिट पोल के रुझानों के बाद और मतगणना से पहले भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में शुक्रवार को ग्वालियर के होटल ऊषा किरण पैलेस में करीब 3 घंटे से ज्यादा चली। इस बैठक में बड़े नेताओं की लंबी चर्चा होती रही। इसके बाद जयविलास पैलेस पहुंचकर जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ भोजन भी किया। इसके बाद नड्डा सीएम शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ दतिया में पीतांबरा पीठ में माई के दर्शन करने पहुंचे।

सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से चुनाव में ग्वालियर अंचल में भाजपा को फायदा ?

आज तक चैनल के एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में ग्वालियर-चंबल की ज्यादातर सीटों पर सिंधिया के प्रभाव का असर दिखाई दिया। मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से बीजेपी को एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में फायदा होता दिख रहा है, ऐसा एग्जिट पोल के रुझानों में दिखाई दे रहा है। अब कितना फायदा हुआ है यह तो 3 दिसंबर को ही साफ हो पाएगा। लेकिन इस बार आज तक के एग्जिट पोल अनुसार यहां की 34 सीटों में से 19 भाजपा को और 14 सीटें कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिखाई दे रही है। बता दे 2018 में यहां कांग्रेस को 26 और भाजपा सिर्फ 7 सीटें मिली थी।

चुनाव से पहले भी सिंधिया को लेकर हो चुकी है चर्चा

भारतीय जनता पार्टी और संघ के पदाधिकारी में सिंधिया के नामक को लेकर पहले भी चर्चा हो चुकी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश में क्या जिम्मेदारी दी जाए! हालांकि खुलकर किसी भी पदाधिकारी का कभी कोई बयान सामने नहीं आया। कई बार सिंधिया का प्रवास के दौरान अचानक संघ कार्यालय जाना, फिर RSS की तारीफ करना, वरिष्टों का सम्मान करना और चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच कर उत्साह बढ़ाना इस बात की ओर इशारा करता है कि सिंधिया को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके पीछे एक और बड़ी वजह यह है कि प्रदेश में चुनावी रैलियां में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद सबसे अधिक सभाएं सिंधिया ने की। वही जनता के बीच भी शिवराज कमलनाथ के बाद सिंधिया का नाम ही चर्चा में ज्यादा दिखाई देता है।

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