वैष्णो देवी धामः अन्नपूर्णा महोत्सव में खराब मौसम के बाबजूद भी हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
सिवनी, 27 नवंबर। ब्रम्हलीन द्वारका शारदा एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वारूपानंद सरस्वती जी महाराज की प्रेरण एवं मार्गदर्शन में नागपुर रोड स्थित ग्राम खैरी के समीप स्थित ग्राम सीलादेही की निरंजन पहाडिय़ों पर उनके परम शिष्य स्व. गोविंद नेमा एवं उनके परिवार सहित नगर के धार्मिक व सामाजिक बंधुओं के सहयोग से मां वैष्णों देवी धाम की स्थापना वर्षों पूर्व की गई थी।
प्राकृतिक पहाडिय़ों को काटकर माता अन्नपूर्णा एवं मां वैष्णोंदेवी की प्रतिमा की स्थापना के उपरांत से ही पहाडिय़ों की इस श्रृंखला में पौधारोपण कर इसे हरा-भरा बनाया जा चुका है, जहां वर्ष भर विभिन्न धार्मिक आयोजन के लिए हजारों श्रृद्धालु दर्शन हेतु पहुंचते है।
पहाडिय़ों पर ही उद्यान का निर्माण कर यहा आंवले का एक विशेष जंगल है जहां आंवला नवमीं के अवसर पर महिलाएं पूजन-अर्चन हेतु आने के साथ ही यहां उत्सव भी मनाया जाता है। विगत 13 वर्षों से मां वैष्णोंदेवी धाम सीलादेही समिति द्वारा अन्नपूर्णा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
वैष्णोदेवी धाम समिति के द्वारा विगत 10 नवंबर को धनतेरस के पावन अवसर पर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की स्थापना विधि-विधान के अनुसार प्रकांड पडितों की उपस्थिति में की गई थी, जहां सोमवार 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन तक इस पहाड़ी पर मेले का आयोजन किया गया, मौसम खराब होने के बाबजूद भी सोमवार को हजारों की संख्या में ग्रामीण एवं शहरीय नागरिक पहुंचकर दर्शन लाभ करने के उपरांत महाप्रसाद ग्रहण किया।
परंपरा अनुसार कार्यक्रम के सोमवार को 27 नवंबर को प्रातरू हवन पूजन के उपरांत श्रद्धालुओं एवं समिति के माध्यम से 56 भोग का अर्पण मां अन्नपूर्णा को किया गया, इस दौरान देश, प्रदेश एवं जिले की समृद्धि के लिए मां अन्नपूर्णा से कृपा दृष्टि बनाये रखने के लिए समिति द्वारा पूजन-अर्चन किया गया।
दोपहर उपरांत महाप्रसाद में अर्पित किये गये 56 भोग के अलावा दाल-बाफले का वितरण भी उपस्थित समस्त श्रद्धालुओं के लिए हर वर्ष की तरह किया गया। जहां रात्रि तक क्षेत्रीय कलाकरों के माध्यम से संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।