देश की राजधानी की जहरीली हुई हवा,ऑल एक्यूआई 424 दर्ज किया गया
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लोगों को शनिवार को भी वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिली है। सफर इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, आज सुबह पाँच बजे दिल्ली में ओवर ऑल एक्यूआई 424 दर्ज किया गया। जो की गंभीर श्रेणी में है। इसके अलावा आनंद विहार- 460, बवाना- 468, द्वारका- 437, पूसा- 408, लोधी रोड- 373, एयरपोर्ट T3- 423, आरके पुरम में एक्यूआई 430 रहा।
वहीं एनसीआर के की बात करें तो नोएडा में 396, ग्रेटर नोएडा में 401, गाजियाबाद में 424, गुरुग्राम में 343, फरीदाबाद में एक्यूआई 427 दर्ज किया गया है। इससे पहले बीते दिन यानी की शुक्रवार सुबह आठ बजे एक्यूआई 401 दर्ज किया गया था, जबकि शाम चार बजे एक्यूआई 415 पहुंच गया था।
गौरतलब है कि दिल्ली में इस समय हवा की रफ्तार बेहद कम हो गई है। खासतौर पर सुबह के समय हवा एकदम शांत चल रही है। दिन में भी जब हवा चलती है तो उसकी रफ्तार चार किमी प्रति घंटे के आसपास ही रहती है। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव बेहद धीमा हो रहा है।
जिसके चलते स्मॉग की परत भी आसमान में छाई हुई है। लोगों को सामान्य से ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। खबरों की मानें तो अगले तीन दिनों के दौरान भी हवा की गति आमतौर पर 10 किमी प्रति घंटे से कम रहेगी। इसके चलते प्रदूषण की स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिल्ली और एनसीआर की हवा में शुक्रवार की शाम चार बजे पीएम 10 का औसत स्तर 413 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 239 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा।
जब मानकों के मुताबिक, हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे कम स्तर पर होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए हितकर माना जाता है। लेकिन, दिल्ली और एनसीआर की हवा में प्रदूषक कणों का औसत स्तर मानकों से चार गुना ज्यादा है।
भारत मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की वजह से दिल्ली वालों को 27 नवंबर से थोड़ी राहत मिल सकती है, यहां हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, फिलहाल राजधानी का बढ़ता पॉल्यूशन न सिर्फ फेफड़ों और हार्ट पर अपना प्रभाव डाल रहा है बल्कि इससे मेंटल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण मेंटल हेल्थ से जुड़ी अनेक समस्या होने लगती हैं जैसे चिड़चिड़ापन, गुस्सा, तनाव महसूस होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण लगातार बढ़ता प्रदूषण भी है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि सुबह के वक्त लोग वॉक करना, पार्क में समय बिताना और बच्चों की आउटडोर एक्टिविटीज कम होने की वजह से कुछ लोग अकेलापन महसूस करते है। इससे लोगों को आइसोलेशन वाली फीलिंग आती है। यही कारण है कि बढ़ते प्रदूषण की वजह से मेंटल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाना ज्यादा जरूरी है। इसके लिए मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। इससे शरीरी को भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। विटामिन-सी वाले फलों का सेवन ज्यादा करें और रोजाना व्यायाम करें। जब भी घर से बाहर जा रहे हैं, तो मास्क का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, गुनगुने पानी या दूध में हल्दी डालकर पिएं या फिर रोजाना स्टीम लें।
प्रदूषण का असर आपकी सेहत पर कम पड़ें। इसके लिए आप ध्यान और योग, माइंडफुलनेस जैसे व्यायामों को घर पर ही रहकर करें। अगर इन व्यायामों को रोजाना किया जाए, तो स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब योग और ध्यान रोजाना किया जाए, तो चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। इस समय वायु प्रदूषण काफी ज्यादा गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। इससे बचने के लिए कोशिश करें कि घर में हवा को साफ करने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, घर अच्छा वेंटिलेशन होना चाहिए।
स्ट्रेस से बचने के लिए खुद को कामों में बिजी रखें। साथ ही, इनडोर एक्टिविटीज पर ज्यादा ध्यान दें। स्ट्रेस और गुस्से को कंट्रोल करने की कोशिश करें। आस-पड़ोस के लोगों के साथ बातचीत करने की कोशिश करें। इसके अलावा, थोड़ी देर शांति में बैठें। प्रदूषण से बचने और हवा को साफ करने के लिए घर में पौधे लगाने चाहिए। इससे नेचुरली ऑक्सीजन का लेवल अच्छा हो जाता है। इसके लिए स्नैक प्लांट, पीस लिली, मनी प्लांट, एरिका ट्री और कई अन्य पौधों को घर के अंदर लगवाएं। इससे पॉल्यून को कम करने में मदद हो सकती हैं।