फफूंद से चिकित्सा कर हम कोविड के बढ़ते प्रकोप को रोक सकते है-नावंगे

0


मप्र विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल व साईन्स एण्ड टेक्नालॉजी द्वारा हुआ सेमीनार
सिवनी, 06 मार्च। कोविड-19 के बाद दोबारा इस रोग की वापसी के दौरान जिस तरह से जीवाणु की उत्पत्ति हुई है,उससे अनेक प्रकार के रोग शरीर में घर कर रहे है। जैसे कान में दर्द होना,सिर में दर्द होना, नाक, कान,गला,मस्तिष्क के ज्वर के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो रही है। इस बात को लोग सामान्य मानते है,लेकिन यह सामान्य बात नही है। यह रोग फफूंद द्वारा मनुष्य में होने वाले कोरोना वायरस की देन है। जिसको लेकर विज्ञान के विद्यार्थियों को गंभीरतापूर्वक इस पर शोध करते हुए निष्कर्स निकालने की आवश्यकता है। जिससे इस रोग से लोगों को मुक्त किया जा सके। उक्ताशय की बात शनिवार को मप्र विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल एवं साईन्स एण्ड टेक्नालॉजी नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित विज्ञान नवाचार,कौशल विकास के अंतर्गत आयोजित सेमीनार में डॉ.शेषराव नावंगे ने व्यक्त किये।
आपने आगे बताया कि इनफैक्शन के कारण फैलने वाला यह रोग को विज्ञान के माध्यम से पहचाना जा सकता है। तथा इसके इलाज को कम से कम खर्च में औषधि पौधों के द्वारा रोका जा सकता है। आज के परिवेश में लोग इस कार्य से जहां प्रसिद्धि पा सकते है,वहीं उनके लिए एक आय का स्त्रोत भी हो सकता है। उन्होंने बताया कि काली फफूंद के द्वारा त्वचा पर रिंग बनाये जाते है। यह दाद,खाज,खुजली जैसी बीमारी को रोकने में सहायक होती है।
आमतौर पर लोग चर्मरोग के कारण परेशान रहते है,लेकिन फफूंद के माध्यम से हम इन रोगों को रोक सकते है। आयोजन का शुभारंभ प्राचार्य अमिता पटेल ने किया। सहयोगी रूचिका यदु एवं अनिता कुल्हाड़े ने छात्राओं की समस्या का समाधान किया। यह आयोजन कन्या महाविद्यालय सिवनी में आयोजित किया गया।
हिन्दुस्थान संवाद

follow hindusthan samvad on :

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *