Seoni: बहते नाले के पानी को रोककर पेयजल समस्या का स्थाई निराकरण कर जलसंरक्षण का उदाहरण किया पेश

सिवनी, 25 अप्रैल। जिले के छपारा विकासखंड अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत छपारा की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत पायलीकौड़िया ने बहते नाले के पानी को रोककर जल संरक्षण का उदाहरण पेश किया है साथ ही ग्राम के कृषकों की सिंचाई एवं पशुओं के लिए पेयजल संबंधित समस्या का भी स्थाई निराकरण निकाला है।
ग्रामीण बताते हैं कि ग्राम से लगे बहते महुआ नाले से बारिश अधिकांश पानी बह जाता था, पानी का उपयोग कृषक नहीं कर पाते थे एवं कृषक 1 से 2 कि.मी. दूर से नहर से पानी लाकर सिंचाई करते थे। सिंचाई तथा पशुओं की पेयजल समस्या का स्थाई निराकरण के लिए ग्रामसभा में सहमति बनी तथा उक्त नाले में स्टॉप डेम का निर्माण कराया गया।


ग्रामवासियों की उक्त आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रू. 14.62 लाख रूपये की लागत से स्टापडेम,चेकडेम का निर्माण कार्य नियमानुसार कराया गया। इस स्टापडेम के निर्माण उपरांत आसपास के किसानों की लगभग 35 एकड़ भूमि में सिंचाई होने लगी। साथ ही इसके समीप ही निर्मित कूप जो माह मार्च-अप्रैल में सूख जाता था, स्टापडेम बन जाने के बाद कूप रिचार्ज होने से अब ग्रीष्म काल में भी महुआटोला में निवासरत 75 परिवारों को पूरे ग्रीष्मकाल में पेयजल उपलब्ध करवा रहा है। इसके साथ ही नाले के दूसरी तरफ स्थित कृषकों कों आवागमन की भी सुविधा प्राप्त हो पायी। गांव के निवासियों को ग्रीष्मकाल में निस्तार एवं मवेशियों को पेयजल उपलब्ध कराने में जो पानी की समस्या होती थी। वह भी इस स्टापडेम के निर्मित होने से हल हो गई। इस संरचना के निर्माण होने से समस्त ग्रामवासियों में उत्साह एवं हर्ष व्याप्त है।
हिन्दुस्थान संवाद

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