जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सिवनीः प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
सिवनी, 26 मार्च। जिले के कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड -19) की रोकथाम एवं इससे बचाव हेतु 22 मार्च 21 को जारी आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत जनसामान्य के स्वास्थ्य हित, शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने हेतु जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
शुक्रवार को जारी आदेशानुसार आमजन का मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा अर्थदण्ड की कार्यवाही की जाएगी। समस्त सामाजिक एवं धार्मिक त्यौहारों में निकलने वाले जुलूस गैर मेले सार्वजनिक रूप से लोगों का एकत्रित होना प्रतिबंधित कर दिया गया है। बंद हॉल में आयोजित किए जाने वाले समस्त प्रकार के कार्यक्रम हेतु हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत तक अनुमति रहेगी। किंतु उक्त संख्या किसी भी स्थिति में 200 से अधिक नहीं होगी। कोविड -19 की रोकथाम हेतु फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए जाने की जिम्मेदारी प्रबंधन एवं आयोजकों की रहेगी। समस्त दुकानों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रस्सी के माध्यम से अथवा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 1-1 गज की दूरी पर चूने के गोले बनाया जाना होगा। दुकान संचालाकों का स्वयं मास्क पहनना तथा दुकानों , प्रतिष्ठानों में आने वालों के लिए मास्क का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। दुकानों के सामने भीड़ एकत्र न होने व सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित हो यह जिम्मेदारी दुकान संचालकों की रहेगी।
इसी प्रकार होलिका दहन कार्यक्रम रात्रि 10 बजे से पूर्व सीमित संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवश्यक रूप से करना होगा। मेरी होली मेरे घर पर धुरैडी का त्यौहार घर पर परिवारजनों के साथ मनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। त्योहारों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे। सार्वजनिक स्थानों चैक, चैराह पर भीड़ के रूप में एकत्रित न हो। चूंकि यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु होने के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित करते हुए इसे तत्काल पालन हेतु प्रभाव से प्रभावशील होगा।
आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तो में छूट दी जा सकेगी। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
हिन्दुस्थान संवाद

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