आतंकवादी समूह को लेकर UN का खुलासा, ISIL-K भारत के खिलाफ बना रहा था बड़ा प्‍लान

अकेले तबाही मचाने वाले लड़ाकों की भर्ती कर रहा है ISIL-K, भारत के आका करेंगे  मदद

नई दिल्‍ली । संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी समूह ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवंत-खोरासान’ (ISIL-K) भारत में बड़े पैमाने पर हमले न कर पाने के बावजूद इस देश में स्थित अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले ही हमलों को अंजाम दे सकें। आईएसआईएल, अल-कायदा और उससे जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं के बारे में विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी टीम की 34वीं रिपोर्ट मंगलवार को यहां जारी की गई।

आईएसआईएल-के कई देशों में हमलों को अंजाम दे रहा

इसमें कहा गया है कि सदस्य देशों ने चिंता जताई है कि अफगानिस्तान से पैदा होने वाला आतंकवाद क्षेत्र में असुरक्षा का कारण बनेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत में बड़े पैमाने पर हमले न कर पाने के बावजूद आईएसआईएल-के देश में अपने आकाओं के जरिए ऐसे लोगों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले हमलों को अंजाम दे सके और उसने उर्दू में हिंदू-मुस्लिम द्वेष को बढ़ाने वाली तथा भारत के संबंध में अपनी रणनीति को रेखांकित करने वाली एक पुस्तिका जारी की है।’

इसमें कहा गया है कि आईएसआईएल-के इस क्षेत्र में सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है, जो अफगानिस्तान से परे आतंक फैला रहा है, जबकि ‘अल-कायदा रणनीतिक संयम बरतता है’ और तालिबान के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है।

इन संगठनों के बैनर तले अधिक घातक हमले किए

रिपोर्ट के अनुसार, तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी), तालिबान और भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के बीच समर्थन और सहयोग बढ़ा है। वे अफगानिस्तान में लड़ाकों और प्रशिक्षण शिविर साझा कर रहे हैं और तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान (टीजेपी) के बैनर तले अधिक घातक हमले कर रहे हैं।

इसमें कहा गया है, ‘अत: टीटीपी अन्य आतंकवादी समूहों के लिए एक पनाह देने वाले संगठन में तब्दील हो सकता है। मध्यम अवधि में, टीटीपी और एक्यूआईएस का संभावित विलय पाकिस्तान और अंततः भारत, म्यांमा और बांग्लादेश के खिलाफ खतरा बढ़ा सकता है।’ कुछ सदस्य देशों ने अनुमान जताया है कि आईएसआईएल-के के लड़ाकों की संख्या 4,000 से बढ़कर 6,000 हो गई है।

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