संयुक्त राष्ट्र ने चेताया, रूस-यूक्रेन युद्ध से मानव तस्करी का खतरा बढ़ा
युद्ध के 21 दिनों में तीस लाख से अधिक लोगों ने छोड़ा यूक्रेन- यूनिसेफ का दावा, हर मिनट 55 बच्चे शरणार्थी बनने को मजबूर
कीव, 16 मार्च (हि.स.)। यूक्रेन पर रूसी हमले के 21वें दिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस युद्ध को लेकर बेहद गंभीर चेतावनी जारी की है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने चेताया है कि रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध से अन्य संकटों के साथ मानव तस्करी का खतरा भी पैदा हो गया है। साथ ही बीते 21 दिनों में यूक्रेन से पलायन करने वालों की संख्या भी तीस लाख पार कर गयी है।तमाम अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के बावजूद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
लगातार जारी युद्ध के प्रति चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ट्वीट कर कहा है कि मानव तस्करों के लिए यूक्रेन में जारी युद्ध एक आपदा नहीं है। वे इसे अवसर मान रहे हैं और बच्चे व महिलाएं उनके निशाने पर हैं। उन्हें हर कदम पर मदद व सुरक्षा की जरूरत है।संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी संस्थाएं यूक्रेन से हो रहे पलायन को लेकर तो चिंतित थी हीं, अब मानव तस्करी का खतरा चिंताजनक स्थितियों में सामने आया है। युद्ध के शुरुआती 21 दिनों में अब तक यूक्रेन छोड़कर जाने वालों की संख्या तीस लाख से अधिक हो चुकी है। ये लोग आसपास के देशों में शरण ले रहे हैं। तमाम बच्चे व महिलाएं मानव तस्करों के चंगुल में फंसने को भी मजबूर हैं।यूनिसेफ के मुताबिक यूक्रेन में रोज लगभग 75 हजार बच्चे शरणार्थी बन रहे हैं। युद्ध के कारण हर एक मिनट में यूक्रेन के 55 बच्चे शरणार्थी बनने को विवश हैं यानी हर सेकंड औसतन एक बच्चा शरणार्थी बन जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए तुरंत युद्ध रोकने और शरणार्थियों को मानव तस्करों से बचाने के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की गयी है।
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार/ संजीव मिश्र
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