ट्रंप राष्ट्रपति बने तो ये दो उम्मीदवार बन सकते है उपराष्ट्रपति; एक रिपोर्ट में मिले थे संकेत
नई दिल्ली । अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रम्प तीसरी बार नामांकन के लिए तैयार दिख रहे हैं। वहीं, भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं।
उनके अलावा, दक्षिण डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम का नाम भी इस लिस्ट में शुमार है। हाल ही में एक सवाल के जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने इन दोनों के ही नाम की पेशकश की थी। ट्रंप ने इन दोनों के अलावा उपराष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप ने चार और नाम सुझाए थे।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस या सीपीएसी में शनिवार को वाशिंगटन के बाहर चार दिवसीय सभा के अंत में घोषित स्ट्रॉ पोल में कहा गया कि नोएम और रामास्वामी दोनों ने स्ट्रॉ पोल में 15 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। जिसके बाद दोनों के बीच कड़ी प्रतिद्वंदिता है।
चौथे स्थान पर रहने के बाद दौड़ से बाहर हो गए
शुरुआत में विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि जनवरी के आयोवा कॉकस में चौथे स्थान पर रहने के बाद दौड़ से बाहर हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था और ट्रंप का समर्थन किया था।
इन छह संभावित उम्मीदवारों का लिया नाम
ट्रंप बीते मंगलवार को फॉक्स न्यूज के टाउन हॉल में भाग ले रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम की होस्ट ने उनसे उपराष्ट्रपति पद के छह संभावित उम्मीदवारों के बारे में पूछा। इस पर पूर्व राष्ट्रपति ने साउथ कैरोलिना के सीनेटर टिम स्कॉट, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस, हवाई की पूर्व प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड, भारतीय-अमेरिकी बायोटेक उद्यमी विवेक रामास्वामी, फ्लोरिडा के प्रतिनिधि बायरन डोनाल्ड्स और साउथ डकोटा के गवर्नर क्रिस्टी नोम का नाम लिया।
दौड़ से पीछे हटने को तैयार नहीं हेली
वहीं, आयोवा कॉकस में डेसैंटिस दूसरे स्थान पर थे। राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने से पहले डेसैंटिस और ट्रंप ने एक साल तक एक-दूसरे पर खूब हमले बोले थे। हालांकि, आयोवा कॉकस के परिणामों के बाद डेसैंटिस ने ट्रंप को समर्थन दिया है। वहीं, ट्रंप ने भी उनपर हमले करना बंदर दिया है। वहीं, निक्की हेली की बात करें तो उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी वापस लेने से इनकार किया है। साउथ कैरोलिना में उन्होंने व्हाइट हाउस की दौड़ में बने रहने का संकल्प दोहराया। इस दौड़ में ट्रंप अभी उनसे बहुत आगे चल रहे हैं।
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