खौफ में शीर्ष नेता…प्लान में ईरान के ही एजेंट्स् का इस्तेमाल, मोसाद ने कैसे की हमास चीफ की हत्या?
नई दिल्ली । इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की इतने शातिर तरीके से हत्या कर दी कि पूरी दुनिया हैरान है। रिपोर्ट्स में बताया गया कि गेस्टहाउस में दो महीने पहले ही बम प्लांट कर दिया गया था। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को पता था कि राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हानिया ईरान जरूर आएगा और इसी गेस्ट हाउस में रुकेगा। वहीं इस पूरे प्लान में मोसाद ने ईरान के ही एजेंट्स् का इस्तेमाल किया। ऐसे में ईरान के नेताओं में इजरायल का खौफ भी बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद ने ईरानी सुरक्षाबलों के ही एजेंट्स को बम लगाने के लिए हायर किया था। मई में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए जब हमास चीफ ईरान आया था, तभी उसकी हत्या का प्लान बना लिया गया था। हालांकि ज्यादा भीड़भाड़ होने की वजह से तब मिशन को अंजाम नहीं दिया गया। टेलीग्राफ से बातचीत के दौरान ईरान के दो अधिकारियों ने बताया कि उस दौरान मिशन के फेल होने के चांस ज्यादा थे। इसीलिए प्लान में बदलाव किया गया।
तीन कमरों में लगाए गए थे बम
बुधवार की रात हानिया जिस कमरे में सो रहा था वहां तेज विस्फोट किया गया और हानिया की सुरक्षा गार्ड समेत मौत हो गई। मोसाद के लिए काम करने वाले दो ईरानी एजेंट्स ने खुलासा किया कि तीन अलग-अलग कमरों में बम लगाए गए थे। हानिया पहले भी इस गेस्टहाउस में रुका था इसलिए मोसाद को अंदाजा था कि फिर से वह यहीं रुकेगा। जिन कमरों में वह रुक चुका था और जिनमें रुकने की संभावना थी उसमें रिमोट कंट्रोल से फटने वाला बम लगा दिया गया था।
कितनी ताकतवर है मोसाद
मोसाद पश्चिमी देशों में सीआईए के बाद सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी है। इसके 7000 एजेंट्स हैं और इसका सालाना बजट 3 अरब डॉलर का है। इसके इंटरनल स्ट्रक्चर की भी जानकारी गुप्त है। इसके एजेंट्स फिलिस्तीनी सेना में ही नहीं बल्कि लेबनान, सीरिया और ईरान में भी हैं। हाई लेवल की हत्याएं करवाने के लिए मोसाद का मेतसादा डिविजन काम करता है।
सुरक्षा में तैनात जवानों को ही बना लिया एजेंट
टेलीग्राफ के मुताबिक ईरानी अधिकारियों ने सर्विलांस फिटेज में दिखाया कि किस तरह से एजेंट्स गेस्टहाउस में घुस जाते हैं और मिनट भर में ही अलग-अलग कमरों में चले जाते हैं। तुरंत वे बम प्लांट करके बाहर भी निकल जाते हैं। बम लगाने के बाद वे ईरान से बाहर भी चले गए। इसके बाद बुधवार रात दो बजे के बीच रिमोट का बटन दबाया गया और हानिया की मौत हो गई। माना जा रहा है कि मोसाद ने अंसार-अल-महदी प्रटोक्शन यूनिट से एजेंट इस काम के लिए नियुक्त किए थे। यही ग्रुप ईरान के शीर्ष नेताओं और बाहर से आने वाले नेताओं की सुरक्षा करता है। मोसाद के इतने सटीक निशाने के बाद ईरान को इजरायल से खतरा महसूस होने लगा है। ऐसे में ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने इजरायल पर हमला करने की धमकी भी दे दी है।
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