कनाडा संसद में इस भारत विरोधी प्रस्ताव से फिर दोनों देशों में हो सकती हैं खटास, जानें पूरा मामला

Western countries were made aware the anti India conspiracy being hatched  in Canada/कनाडा की धरती पर रची जा रही भारत विरोधी साजिश से पश्चिमी देशों को  कराया गया अवगत, बढ़ सकती हैं

ओटावा। कनाडा में एक सांसद ने एक निजी प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत आरोप लगाया गया है कि भारत वहां की व्यवस्था में दखल दे रहा है। यह प्रस्ताव पीएम जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के सांसद सुख धालीवाल ने पेश किया है और इसके चलते भारत और कनाडा के बीच रिश्ते और खराब हो सकते हैं। 12 फरवरी को यह प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे 6 अन्य भारतीय मूल के कनाडाई सांसदों ने समर्थन दिया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कनाडा के एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की देश के अंदर ही एक धार्मिक स्थान पर हत्या हो गई थी। इसमें भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ सामने आया था।’

इसके आगे प्रस्ताव में कहा गया है, ‘इन उदाहरणों से पता चलता है कि कनाडा में दूसरे देशों की ओर से धमकी, दखल देने की कोशिश हो रही है। भारत, चीन, रूस, ईरान और कुछ अन्य देश ऐसा कर रहे हैं।’ खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। एक गुरुद्वारे की पार्किंग में यह घटना हुई थी। इस मामले में जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारत पर आरोप लगाए थे और कहा था कि उसके इशारों पर ही निज्जर का यूं कत्ल किया गया था। वहीं भारत ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है और कनाडा से सबूतों की मांग की है।

अब तक कनाडा इससे जुड़ा कोई सबूत नहीं दे पाया है और उसकी घर से लेकर विदेशों तक में किरकिरी हो रही है। यही नहीं अब इस प्रस्ताव को लेकर भी जस्टिन ट्रूडो सरकार निशाने पर है। कनाडा में सक्रिय कनाडा इंडिया फाउंडेशन की ओर से एक पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रस्ताव सनकी दिमाग की उपज है। इसके तहत एक खास देश और हिंदू समुदाय को टारगेट किया जा रहा है। ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसका न कोई सबूत है और न ही उन्हें साबित किया जा सका है। यदि यह प्रस्ताव कनाडा की संसद से पास हुआ तो फिर दोनों देशों के रिश्तों में गिरावट और बढ़ जाएगी।

यही नहीं लिबरल पार्टी के ही सांसद चंद्र आर्य ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कोई सबूत नहीं पेश किया गया है। हमारी न्यायिक व्यवस्था में भी कोई आरोप तय नहीं हुआ है। फिर भी इस तरह के आरोप लगाने और प्रस्ताव पारित कराने से संकट की स्थिति होगी। इससे भारत के साथ रिश्ते निर्णायक तौर पर खराब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो फिर भारत विरोधी और हिंदू विरोधी उस कैंपेन को ताकत मिलेगी, जिसे बाकायदा कुछ लोग फंडिंग कर रह हैं।

follow hindusthan samvad on :