इजरायल युद्ध के बीच हमास ने मांगी पाकिस्तान से मदद, कही ये बड़ी बात..

इ्स्लामाबाद। इजरायल और हमास के बीच सात अक्टूबर के हमले के बाद जारी हुई जंग अब तक खत्म नहीं हो सकी है। गाजा पट्टी में रहने वाले हजारों लोगों की अब तक जान जा चुकी है। इस बीच, हमास के टॉप लीडर इस्माइल हानियेह ने इजरायल के साथ चल रहे युद्ध में पाकिस्तान से मदद मांगी है। इसके अलावा, जहर उगलते हुए कहा है कि यहूदी दुनियाभर के मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल ने बताया कि पाकिस्तान को बहादुर बताते हुए हानियेह ने कहा कि अगर इजरायल को पाकिस्तान के प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है, तो क्रूरता का अपराध बंद हो सकता है। हानियेह ने यह टिप्पणी पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित ‘अल-अक्सा मस्जिद की पवित्रता और मुस्लिम उम्माह की जिम्मेदारी’ विषय पर राष्ट्रीय संवाद में अपने संबोधन के दौरान की।

फिलिस्तीनियों द्वारा दिए गए ‘बलिदान’ के बारे में जिक्र करते हुए हमास प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की ताकत संभावित रूप से संघर्ष को रोक सकती है। इसके अलावा उन्होंने पवित्र कुरान का बारीकी से पालन करने वाले देशों के बीच गाजा पट्टी में इजरायल के हमले का विरोध करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लगभग 16,000 फिलिस्तीनियों की गिरफ्तारी और पवित्र स्थलों को अपवित्र करने सहित इजरायल की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय शर्तों का उल्लंघन थी।

इस्माइल हानियेह ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे में वृद्धि का हवाला दिया और ओस्लो समझौते के कार्यान्वयन न होने पर निराशा व्यक्त की। हमास के शीर्ष नेता ने इस्लामिक देशों और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि यह फिलिस्तीनी उद्देश्य को गंभीर रूप से बर्बाद कर देगा। अपने भाषण के दौरान, इस्माइल हानियेह ने कहा कि फिलिस्तीनियों को पाकिस्तान से काफी उम्मीदें हैं और देश की ताकत पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमास इजरायल के सबसे मॉडर्न हथियारों का मुकाबला कर रहा है और इजरायल के इरादों को पटरी से उतारने में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह की सफलता के बारे में दृढ़ संकल्प दिखाया। अपने भाषण के आखिर में हमास प्रमुख ने यहूदियों को दुनिया भर में मुसलमानों का सबसे बड़ा दुश्मन बताया।

इजरायली सैनिकों के गाजा के दूसरे सबसे बड़े शहर में जमीनी हमले तेज करने के बाद इजरायली बलों और हमास उग्रवादियों के बीच गाजा में तीखी झड़प हुई। ताजा संघर्ष के चलते अधिकतर स्थानों पर सहायता आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। इजरायली हमलों के कारण फलस्तीनी लोगों के लिए शरण लेने के स्थान भी कम होते जा रहे हैं। दक्षिण पर हमले से घिरे तटीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापित होने का खतरा है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस क्षेत्र के लगभग 18 लाख से अधिक लोग (80 प्रतिशत से अधिक आबादी) पहले ही अपने घरों को छोड़ चुके हैं। गाजा शहर के बड़े हिस्से सहित उत्तर का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है। फलस्तीनियों को डर है कि गाजा के बाकी हिस्सों को भी इसी तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इजरायल हमास को खत्म करने की कोशिश कर रहा है, जिसकी इस क्षेत्र में गहरी जड़ें हैं।

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