मप्र के कई इलाके में लोगों ने देखा आसमान में हुआ उल्कापिंड
इंदौर, 02 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश के कई जिलों में शनिवार देर शाम को आसमान में उल्कापिंड दिखाई दिया। आसमान से गिरते हुए दिखे इस उल्कापिंड में बेहद चमकती हुई रोशनी दिखी। जिसने भी इस नजारे को देखा वह अचंभित रह गया। भोपाल के अलावा मालवा निमांड अंचल के बड़वानी, बड़वाह, खंडवा और धार जिले में यह रोशनी शाम 7:46 बजे के आसपास दिखाई दी। करीब 40 सेकंड तक दिखे इस नजारे को लोगों ने अपने मोबाइल से कैद कर लिया। साथ ही सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया। जिसके बाद वायरल पोस्ट को देख किसी ने इसे उल्कापिंड बताया, तो किसी ने इसे रॉकेट कहा।
दो टुकड़ों में गिरती हुई वस्तु चमक रही थी। इंदौर, धार, खंडवा सहित अन्य इलाकों में लोगों ने इसे नीचे गिरते हुए देखा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अलग-अलग जगहों से इसके देखे जाने की बात सामने आने लगी। सोशल मीडिया पर इसके धार और खंडवा में गिरने की बात चल रही है और आमजन के बीच चर्चा का विषय बन गया।
धार जिले के नालछा-बगड़ी क्षेत्र में भी शाम अचानक आसमान में मिसाइल जैसा चमकती हुई वस्तु दिखाई दी। तेज गति से निकलते हुए मिसाइल जैसे इस चमकीले अद्भुभूत चीज देखकर लोगों ने इसके वीडियो बनाए। चमकती हुई मिसाइल जैसे आसमान में तेज गति से जा रही थी जो कि जमीन की ओर बढ़ते हुए दिखाई दे रही थी। बाद में कुछ लोगों ने यह साफ किया कि यह मिसाइल नहीं उल्कापिंड है।

बड़वानी निवासी दीपक मालवीय ने बताया कि हमने आसमान में तेज रफ्तार से जाती हुई एक चमकीली वस्तु देखी। ये काफी लंबी थी, बिल्कुल रॉकेट की तरह दिखाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई प्लेन क्रैश होकर गिर रहा हो। इससे आ रही रोशनी बेहद तेज थी। हमने इस तरह की कोई चीज जिंदगी में पहली बार देखी। हम इसे करीब एक मिनट तक देखते रहे। इसके बाद ये अचानक गायब हो गई। ये बेहद हैरान करने वाला वाकया रहा।
खंडवा में भी शनिवार रात आठ बजे के लगभग आसमान से गुजरती दो लाल रोशनी ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। कई लोगों ने इसके वीडियो भी बनाए। कुछ ही समय में यह रोशनी ओझल हो गई। खंडवा से 12 किलोमीटर दूर स्थित सतवाड़ा निवासी रवींद्र पाटिदार ने बताया कि रात लगभग आठ बजे यह रोशनी नजर आई। जो आसमान में लगभग दो मिनट तक रही। रणजीत पाटीदार ने बताया अचानक लाइट हुई तो वीडियो बनाया। इसके बाद हरसूद, खालवा की तरफ जाते नजर आई। शिवना के आसपास भी गांव में इसे देखा गया।
खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह का कहना है कि जिले में देर रात तक कहीं पर भी उल्का पिंड गिरने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। संबंधित अधिकारियों को जानकारी मिलने पर सूचित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
भोपाल मौसम केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर वेद प्रकाश सिंह के मुताबिक उन्हें मिली सूचना के मुताबिक खंडवा में उल्कापिंड गिरने की घटना सामने आई है। उल्कापिंड पुच्छल तारे के रूप में होते हैं। ये जब गिरते हैं तो इनकी चमक इतनी ज्यादा होती है कि 200 से 300 किलोमीटर के दायरे के लोग भी आसमान में इसे देखा जा सकता है। छोटे-छोटे उल्कापिंड की उम्र 100 साल या उसके आसपास होती है। ये सौर मंडल में चक्कर लगाते हुए किसी भी ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं।
वहीं, जीवाजी वैधशाला उज्जैन के अधीक्षक आरपी गुप्त ने बताया कि उल्कापिंड अक्सर टूटकर गिरते हैं और वायुमंडल में प्रवेश करते ही नष्ट हो जाते हैं। इस बार ये आकार में बड़ा था इसलिए इतना स्पष्ट दिखा। उनके मुताबिक उल्कापिंड में हवा के घर्षण से आग लग जाती है और इसके टुकड़े हो जाते हैं। 99 प्रतिशत ये पिंड वायुमंडल में ही जल जाते हैं इसलिए सामान्य तौर पर दिखाई नहीं देते। इसके टुकड़ों की कॉमन मार्केट में कोई वैल्यू नहीं होती लेकिन शोध के लिहाज से इसके टुकड़े दुनिया की सबसे महंगी चीज हैं।
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
