म.प्र. में जीएनएमटीसी सिवनी का प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत परीक्षा परिणामों के साथ उत्कृष्ट स्थान
जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर में प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत परीक्षा परिणामों के द्वारा संस्था को उत्कृष्ट बनाने में प्राचार्या श्रीमति एम.एन.जोसफ का विशेष योगदान
सिवनी, 08 जून। जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर अगस्त 2014 से संचालित है जिसमें जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण दिया जाता है जो 3 वर्षीय डिप्लोमा हेतु प्रशिक्षण कोर्स है। एक बैच में 60 छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाता है। आज दिनांक तक प्रशिक्षण केंद्र से 5 बैच प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके है एवं मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा रजिस्टर्ड नर्स (स्टाफ नर्स) बन चुके है तथा मध्यप्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओ में एक कुशल स्टाफ नर्स के रूप में सराहनीय कार्य कर रहे है। ट्रेनिंग के दौरान सभी छात्राओं को प्रायोगिक एवं पाठ्यक्रम शिक्षा साथ ही चिकित्सालय की कार्यप्रणाली, मरीजो की समुचित देखभाल एवं उपचार की पद्धतियों का कुशलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया जाता है। जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर सिवनी में पदस्थ सभी सिस्टर ट्यूटर्स के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष संस्था में वार्षिक परीक्षाओं के 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त हो रहे है। इन सभी कार्यो के पीछे जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर प्राचार्या श्रीमति एम.एन. जोसफ का महत्वपूर्ण योगदान है। जो प्राचार्या के पद के साथ साथ जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर के पद की जिम्मेदारी भी संभाल रही है। यह हमारे लिए एवं सिवनी शहर के लिए बड़े गौरव की बात है। संपूर्ण मध्यप्रदेश में जीएनएमटीसी सिवनी का उत्कृष्ट स्थान है। यह कहना जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. सी. मेशराम का है।
श्रीमति एम.एन. जोसफ, प्राचार्या ने बताया कि वह जीएनएमटीसी सिवनी में अप्रैल 2019 से प्राचार्य के पद पर पदस्थ हूं। संस्था के सभी कार्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के. सी. मेशराम के मार्गदर्शन में एवं संस्था में पदस्थ सभी नर्सिंग सिस्टर ट्यूटर्स व अन्य कर्मचारियों एवं समस्त छात्राओं के साथ आपसी सामंजस्य बनाकर सुचारू रूप से संचालित किये जा रहे है। संस्था में नर्सिंग ट्यूटर्स की कमी होने के कारण सभी टीचर्स के द्वारा अलग अलग बैच में 2-3 विषयों को पढ़ाया जा रहा है। साथ ही साथ प्रायोगिक कार्य भी कराए जा रहे है जो निश्चित रूप से कठिन कार्य है। 2018-19 से इग्नू एवं एमपीएमएसडब्ल्यू द्वारा 6-6 माह के ब्रिज कोर्स का संचालन भी किया जा रहा है जिन्हे जीएनएमटीसी के ही नर्सिंग ट्यूटर्स द्वारा प्रक्षिक्षित किया जाता है। आज दिनांक तक सभी 6 बैच के करीब 360 छात्र एवं छात्राएं सीएचओ के रूप में सब-सेंटर्स में कार्य कर रहे है। ट्रेनिंग सेंटर के साथ साथ जीएनएमटीसी सिवनी नर्सिंग परीक्षाओं का मुख्य परीक्षा केंद्र भी है। जिसमें सिवनी जिले में संचालित होने वाले समस्त प्राईवेट नर्सिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राएं भाग लेते है। जो एक महत्वपूर्ण एवं जवाबदारी का कार्य होता है। बहुत गर्व की बात है कि ये परीक्षाएं जीएनएमटीसी सिवनी में प्रतिवर्ष निर्बाधित रूप से संचालित की जाती है।
हमारी संस्था द्वारा प्रतिवर्ष 60 प्रशिक्षित स्टाफ नर्सेस एवं 60 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स को मध्यप्रदेश के अलग अलग स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्य करने हेतु सर्वोत्तम प्रशिक्षण देकर भेजा जाता है यह हमारे लिए एवं सिवनी शहर के लिए बड़े गौरव की बात है। संपूर्ण मध्यप्रदेश में जीएनएमटीसी सिवनी का उत्कृष्ट स्थान है।
इस कोविड महामारी के दौरान सभी छात्राओं के साथ-साथ नर्सिंग ट्यूटर्स को भी मानसिक रूप से सुदृढ़ रहने हेतु मेरे द्वारा हमेशा प्रोत्साहित किया गया। नैतिक समर्थन देकर सभी का मनोबल बढ़ाया जिससे सभी छात्राएं जो कोविड के दौरान क्लीनिकल स्टडी के लिए विभिन्न वार्डो में ड्यूटी करती है निर्भीक होकर एवं सुरक्षित रहकर कार्य करने में सक्षम रहे। छात्राएं वर्तमान परिस्थिति में उत्साहपूर्वक कार्य कर रही है उन्हे अलग से मास्क, ग्लब्स, सेनिटाईजर एवं थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराया गया है।
सभी प्रशिक्षण केंद्र के टीचर्स जो अपना शैक्षणिक कार्य करते हुए इस कोविड काल में जिला चिकित्सालय में भी कार्य कर रहे है उनके मोरल सपोर्ट के लिए मैने भी आईसीयू के साथ साथ सभी वार्डो में जाकर व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो इस हेतु प्रयास किये। प्रशिक्षण केंद्र के सभी प्रशासकीय कार्यो के साथ साथ छात्राओं की समस्याओं का समाधान जैसे- शिक्षण संबंधी, छात्रावास संबंधी, ड्यूटी संबंधी एवं छात्राओं के स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार की समस्याओं का निराकरण समय-समय पर किया जाता है।
आगे बताया कि इस कोविड काल में दिनांक 19 एवं 20 अप्रैल 21 उनके लिए बहुत निराशाजनक दिन थे क्योंकि दिनांक 19 अप्रैल 21 को उनकी एक पूर्व छात्रा मीना तिवारी जो वर्तमान में केवलारी में पदस्थ है उनके पति कोविड से संक्रमित हो गए थे। इस दौरान छात्रा मीना तिवारी ने उनसे सलाह ली मैडल मैं क्या करू? नागपुर, जबलपुर में भी कोई चिकित्सीय उपचार नही मिल रहा है। तब उन्होनें उसे जिला चिकित्सालय लाने की सलाह दी। उनके आने तक बडे जद्दोजहद से जिला चिकित्सालय में एक बेड की व्यवस्था हो पायी तथा एक ऑक्सीजन मशीन लगाई गई। वार्ड के स्टाफ एवं इंचार्ज ने काफी मदद की। इस दौरान उनका उपचार जिला चिकित्सालय में ही किया गया एवं दिनांक 06जून 21 को मीना तिवारी के पति पूर्णतः स्वस्थ्य होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। उन्हेे बहुत खुशी हुई कि उनके अल्प प्रयासों से ही आज पूर्व छात्रा का परिवार खुशहाल है।
यह सत्य है कि इस कोविड काल ने सभी को जीवन के सही मायने सिखा दिया है कि आपका जीवन आपके और आपके परिवार के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए यह जरूरी है कि मास्क पहने, सेनिटाईजर का उपयोग करे एवं 2 गज की दूरी बनाएं रखे और स्वस्थ रहे।
हिन्दुस्थान संवाद