मासूम बालिका के साथ् दरिंदगी करने वाले आरोपित को आजीवन कारावास

जघन्‍य एंव सनसनीखेज का प्रकरण

सिवनी, 04 सितम्बर। जिला न्यायालय के विशेष न्‍यायाधीश (पाक्‍सो) की न्यायालय ने बुधवार को महिला थाना में वर्ष 2023 में दर्ज जघन्‍य एंव सनसनीखेज के प्रकरण में आरोपित को आजीवान कारावास की सजा से दंडित किया है।
जिला न्यायालय के मीडिया प्रभारी प्रदीप कुमार भौरे ने बुधवार को बताया कि जिला सिवनी, महिला थाना के अपराध क्रमांक 48/2023 धारा 354, 354(क)(1)(आई) ,506, 376एबी,376(3) 341, 376, भादवि 7,8, 3,4,5एम 6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रकरण को पुलिस अधीक्षक के द्वारा जघन्‍य सनसनी खेज की श्रेणी में रखा गया था।
आगे बताया गया कि प्रकरण का संक्षिप्‍त विवरण इस प्रकार है कि नाबालिग पीड़िता, उम्र 10 वर्ष की मां ने महिला पुलिस थाना में उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग लडकी 14 सितम्बर 2023 को सुबह 10 बजे रोज की तरह स्कूल गई थी जो शाम 5 बजे तक स्कूल से वापस नहीं आई, तब उसकी मा उसकी बेटी के वापस नही आने पर उसे आस पास ढूंढने लगी एंव ढूंढने पर भी शाम तक जब लडकी घर वापस नही आई तब वह गांव के बाहर तरफ ढूंढने निकली तब देखा कि खेत के पास उसकी बेटी डरी सहमी सी खडी होकर रो रही थी, और उसके पास आरोपी धरमसिंह (23) पुत्र टंटूलाल उईके भी खड़ा था, जब उसने अपनी बेटी से पूछी तो उसकी बेटी ने डरते हुए बताई कि वह स्कूल से 5 बजे वापस आ रही थी रास्ते में खेत के पास धरमसिंह उईके खड़ा था जो मुझे अकेले देखकर मेरा मुंह दबा कर बंद किया और मुझे खेत में लालटेन की झाडी के पीछे ले गया और मना करने पर भी जबरदस्ती गलत काम (बलात्‍कार) किया और कह रहा था कि तुमने चिल्लाई या किसी को बताई तो जान से मारकर खेत के पास बने कुआं में फेंक दुंगा ।
विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्‍यायाधीश (पाक्‍सो), जिला सिवनी के न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया। जहां जिला अभियोजन अधिकारी के सबूतो एवं तर्काे से सहमत होते हुए विशेष न्‍यायाधीश द्वारा बुधवार 4 सितम्बर 2024 को निर्णय पारित करते हुए धारा 341 भादवि मे 01 माह एंव 100 रूप्‍ाये अर्थदण्‍ड, धारा 354 में 03 वर्ष एंव 1000 रूपये ,354(क)(1)(आई) में 01 वर्ष एंव 500 रूपये , धारा 376 एबी में आजीवन कारावास एंव 2000 रूपये, धारा 5एम 6, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास एंव 2000 रूपये अर्थदण्‍ड दिया गया एंव पीडिता को 100000 (एक लाख रुपए) प्रतिकर कि राशि देने हेतु निर्णत पारित किया गया ।

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