सुनवाई की रिपोर्टिंग सोशल मीडिया या वेबसाइट पर शेयर न करें मीडियाकर्मी
नई दिल्ली, 05 फरवरी । दिल्ली हिंसा के आरोपित उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने सुनवाई को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों से कहा कि वे सुनवाई की रिपोर्टिंग करें लेकिन सुनवाई के दौरान स्क्रीन शॉट न लें और उन्हें सोशल मीडिया या वेबसाइट पर शेयर नहीं करें।
सुनवाई शुरू होते ही वकील रेबेका जॉन ने कहा कि 2 फरवरी को हुई सुनवाई के स्क्रीनशॉट लेकर कुछ मीडियाकर्मियों ने उसे सोशल मीडिया और वेबसाइट पर डाला जो काफी गलत है। इस पर कोर्ट ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आप सुनवाई को कवर करें, लेकिन शेयर की गई सामग्री का स्क्रीन शॉट लेकर उसे सोशल मीडिया या वेबसाइट पर न डालें।
दिल्ली पुलिस ने 2 फरवरी को उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर हिंसा की योजना की साजिश रची गई जिससे आंदोलनों में जुटे स्थानीय लोगों का कोई लेना-देना नहीं थी। सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कहा था कि प्रदर्शन स्थलों पर बाहर से आए लोगों ने हिंसा की योजना को अंजाम दिया। अब ये स्थानीय लोग अभियोजन की मदद कर रहे हैं। अमित प्रसाद ने कहा था कि हिंसा शुरु होने के बाद चुप्पी की साजिश देखी गई। उस साजिश पर से पर्दा देने की कोशिश की गई। अमित प्रसाद ने कहा था कि 22 फरवरी 2020 को हिंसा शुरु नहीं हुई थी। उस समय आरोपियों की गतिविधियां जारी थीं। उसमें स्थानीय लोग शामिल नहीं किए गए।
अमित प्रसाद ने कहा था कि पूरी दिल्ली में 23 विरोध स्थल थे, तब उत्तर-पूर्वी दिल्ली को ही क्यों चुना गया। उन्होंने कहा था कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में लाठी, डंडे और मिर्ची की क्या जरूरत थी। इससे शांति कैसे हो सकती है। उन्होंने उमर खालिद का बयान पढ़ते हुए कहा था कि ‘खून बहाना पड़ेगा, ऐसे नहीं चलेगा’। अमित प्रसाद ने कहा था कि आप अपना खून तो नहीं बहा रहे हो तो किसका खून बहा रहे हो।
इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार
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