BJD की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, बीजेपी को मिलेंगा पार्टी के अंदरुनी संकट का लाभ

BJP-BJD reunion in works? How will it change poll landscape in Odisha |  India News - Times of India

नई दिल्‍ली । ओडिशा (Odisha)में भविष्य की राजनीति (Politics)को देखते हुए भाजपा (B J P)ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजद (ruling bjd)से गठबंधन(alliance) न कर अकेले लड़ने का फैसला कर एक साथ कई मोर्चों पर काम शुरू कर दिया है। राज्य में बीजद के विकल्प के रूप में अपनी मजबूत पकड़ बनाना और लोकसभा, विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना इस रणनीति का हिस्सा है। पार्टी बीजद के अंदरूनी संकट का भी लाभ उठा रही है, जिसमें वीके पांडियन के चलते उसके कई नेता भाजपा में आ रहे हैं।

ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव एक साथ होने से खासा महत्वपूर्ण है। एक साथ चुनाव होने से बीजद को नवीन पटनायक की लोकप्रियता का खासा लाभ मिलता है और भाजपा को अन्य राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का जो लाभ मिलता है, वह नहीं मिल पाता है। हालांकि इस बार बीजद के अंदरूनी हालात अलग है और भाजपा उसी का लाभ लेने की जुगत में हैं। बीजद प्रमुख और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी नौकरशाह के पार्टी में बढ़ते हस्तक्षेप से नाराजगी बढ़ रही है। भाजपा भी राज्य में पांडियन को ही मुद्दा बना रही है और अगले पांच साल में सत्ता में आने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

मोदी की गारंटी भारी पड़ेगी

भतृहरि महताब का भाजपा में आना इसका सबसे ताजा उदाहरण है। अभी कुछ और प्रमुख नेता बीजद छोड़कर भाजपा में आ सकते हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि इस बार बीजद नवीन पटनायक का आखिरी चुनाव बताकर लोगों से विधानसभा में सहानुभूति बटोर सकती है, लेकिन लोकसभा में मोदी की गारंटी भारी पड़ेगी। इस सबमें सबसे ज्यादा नुकसान में कांग्रेस है, जिसके लिए राज्य में अपनी यथास्थिति बनाए रख पाना भी मुश्किल हो रहा है। इसके पहले कांग्रेस को उम्मीद थी कि बीजद व भाजपा का गठबंधन होने पर वह अकेली विपक्ष में रहेगी और सत्ता विरोधी वोट के जरिये अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल रहेगी।

बीजद के समर्थन वर्ग में नाराजगी बढ़ी

सूत्रों के अनुसार भाजपा का मानना है कि पांडियन के बढ़ते प्रभाव से बीजद में ही नहीं ओडिशा में बीजद के समर्थन वर्ग में भी नाराजगी बढ़ रही है और वे भाजपा की तरफ आएंगे। बीजद का आधार ही कांग्रेस विरोध है ऐसे में उसके समर्थक वर्ग की पहली पसंद भी भाजपा ही होगी।

पांच घंटे तक मंथन किया

भावी चुनावी रणनीति पर विचार के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने गुरुवार देर रात लगभग पांच घंटे मंथन किया। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री एवं ओडिशा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा प्रदेश प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर, ओडिशा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल और जुएल ओराम सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए। भाजपा नेताओं ने चुनावी तैयारियों और सीटवार विधानसभा उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में लोकसभा की बची हुई सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर भी मंथन किया गया।

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