जिला सत्र न्यायाधीश ने कोरोना के मद्देनजर न्यायालयों में अतिरिक्त सावधानी रखने का दिया निर्देश
बड़वानी , 02 अप्रैल। जिला सत्र न्यायाधीश श्री राजेश गुप्ता ने आदेश जारी कर जिले के सभी न्यायालय परिसर में कोरोना के मददेनजर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिये है। इस निर्देश के तहत न्यायाधीशो, अधिवक्ताओं, पक्षकारों की उपस्थिति संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये है।
जारी किये गये निर्देश
- महाराष्ट्र की सीमा से आने वाले पक्षकार एवं अधिवक्तागण की न्यायालय कक्ष में भौतिक उपस्थिति अगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगी। ऐसे पक्षकार एवं अधिवक्तागण अपने – अपने प्रकरणो में वीसी के माध्यम से भाग ले सकेंगे।
- महाराष्ट्र से आने वाले गवाहों को भी न बुलाया जाये, यदि किसी प्रकरण में ऐसे गवाह की उपस्थिति होती है तो थर्मल स्केनिंग एवं आवश्यक जांच के उपरान्त गवाहों की साक्ष्य न्यायालय में स्थित वीसी पाइंट के माध्यम से लिया जाये।
- भौतिक सुनवाई के लिये प्रकरण को नियत करते समय इस तथ्य को विशेष ध्यान में रखा जाये कि किसी कार्य दिवस विशेष को अत्यधिक संख्या में प्रकरण नियत न हो।
- भौतिक सुनवाई के दौरान न्यायालय में वही अधिवक्ता एवं पक्षकार प्रवेश करे, जिनके प्रकरण को सुनवाई में लिया गया है एवं शेष प्रकरणो के पक्षकार एवं अधिवक्तागण सामाजिक दूरी का पालन करते हुये न्यायालय कक्ष के बाहर प्रतीक्षा करें।
- प्रत्येक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी प्रत्येक दिवस सुनवाई मे ंलिये जाने वाले प्रकरणो की काज लिस्ट तैयार कर सूचना पटल पर चस्पा कर काज लिस्ट अनुसार प्रकरणो की सुनवाई करेंगे।
- अधिवक्ता, पक्षकार एवं साक्षीगण की उपस्थिति आदेश पत्रिका में लेखबद्ध की जायेगी, किन्तु कोरोना वायरस संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये अधिवक्ता एवं साक्षीगण के हस्ताक्षर प्रकरणो की आदेश – पत्रिका पर, जहॉ आवश्यकता के अनुसार अनिवार्य है को छोड़कर, हस्ताक्षर नही लिये जायेंगे।
- न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की भौतिक उपस्थिति विशेष कारण से निर्देशित किये जाने पर ही आवश्यक होगी, अन्यथा वीडियो कान्फ्रेसिंग माध्यम से उपस्थिति स्वीकार की जायेगी। विचाराधीन बंदी के मामले में प्रकरण में प्रथम रिमाण्ड के दौरान न्यायाधीश के समक्ष अभियुक्त की भौतिक उपस्थिति आवश्यक होगी तथा पश्चात में अन्य रिमांड वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की जायेगी।
- किसी व्यक्ति को बुखार, फ्लु और इस प्रकार के लक्षण होने पर न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नही होगी। यदि किसी स्टॉफ के सदस्य को बुखार, फ्लु आदि के लक्षण है, तो उसकी सूचना तत्काल संबंधित पीठासीन अधिकारी / जिला न्यायाधीश को दी जायेगी।
- न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पक्षकार एवं स्टॉफ के सदस्य जिन्हें क्वारेटाइन या आईसोलेट किया गया है, का न्यायालय परिसर में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
- मद्यपान , गुटका, पान, तम्बाकू खाकर न्यायालय परिसर में थूकना पूर्णतः वर्जित रहेगा एवं यदि कोई व्यक्ति ऐसा करते पाया गया तो उस पर केन्द्र/राज्य शासन द्वारा जारी विधि व निर्देशानुसार अभियोजन / दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
हिन्दुस्थान संवाद
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