विवादों के निराकरण में मध्यस्थता का अहम योगदान – जिला न्यायाधीश

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छिंदवाडा ,13 फरवरी। म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार स्थानीय ए.डी.आर. सेन्टर जिला न्यायालय परिसर छिन्दवाड़ा में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बी.पी.शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय चन्द्रदेव शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा के सचिव एवं अपर जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार गोयल, अपर जिला न्यायाधीश डी.एस.परमार, व्यवहार न्यायाधीश विनीत साकेत, श्रीमती प्रियंका सुमन साकेत, गुरूवेन्द्र कुमार हुरगाड़े, सुश्री निकिता वार्ष्णेय सहित समस्त न्यायाधीशगण, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विजय सिंह गौतम, सचिव संगीत कुमार श्रीवास्तव, शासकीय अभिभाषक शैलेन्द्र तिवारी, प्रशिक्षित मीडिएटर श्रीमती सपना झुनझुनवाला, नेमा एवं जैन सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र के अर्पित नेमा, अल्केश नेमा, श्रीमती अंजली नायक श्रीमती मनीषा जैन तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया, कार्यालयीन कर्मचारीगण संतोष देवधरे, प्रणय मिश्रा, नीलेश्वर परते सहित पक्षकारगण उपस्थित थे।
        इस मध्यस्थता जागरूकता शिविर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में विवादों के निराकरण में मध्यस्थता की अहम् भूमिका है। इसके तहत प्रशिक्षित मध्यस्थ दोनों पक्षों को सुनकर विवाद की जड़ तक पहुँचकर विवाद का समाधान राजीनामा के आधार पर समझौता कराने का प्रयास करते हैं, जिसमें अधिवक्तागण की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
      जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा के सचिव एवं अपर जिला न्यायाधीश श्री गोयल ने कहा कि मध्यस्थता समाज में शांति और स्थायित्व का आधार है, जिसमें पक्षकारों का समय व खर्चों की बचत होकर दीर्घकालीन न्यायिक प्रक्रिया से निजात मिलती है और विवाद सदैव के लिये समाप्त हो जाता है। साथ ही मध्यस्थता प्रक्रिया की संपूर्ण कार्यवाही गोपनीय रखी जाती है। उन्होनें कार्यक्रम में उपस्थित जिला मुख्यालय के सभी न्यायाधीशगण से अधिक से अधिक प्रकरण मध्यस्थता के लिए रेफर किये जाने की बात कही।
   प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री शर्मा ने कहा कि पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता अतिमहत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि छोटी सी बात का विवाद न्यायालय तक पहुॅचता है, जिसमें बातचीत से विवाद का निराकरण अनुकूल वातावरण में कराने का प्रयास प्रशिक्षित मध्यस्थ के द्वारा किया जाता है। इसमें किसी भी पक्ष की कोई हार नहीं होती है । जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री गौतम ने कहा कि मीडिएशन को सफल बनाने में अधिवक्तागण सदैव तत्पर रहकर मीडिएशन की प्रकिया में सहयोग प्रदान करते हैं। ये वास्तव में पक्षकारों को शीघ्र और सुलभ न्याय देने का माध्यम है। कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चौरसिया ने आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान संवाद

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