संतरे की अधिक पैदावार के लिए किसानों को उपयोगी सलाह

राजगढ़ , 26 मार्च। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा दी गई सलाह के अनुसार वर्तमान में संतरे के पौधों को नियंत्रित करने के लिए सिंचाई पूर्ण रुप से बंद कर दें। संतरे के पौधों के तने से कम से कम एक से डेढ़ मीटर छोड़कर चारों तरफ 10 सेंटीमीटर गहराई तक जुताई, गुड़ाई करके पौधों की जड़ों को खुला छोड़ दें।

इससे फूल झड़ जाएगा वर्तमान में संतरे के फूलों को जोड़ने हेतु पादप वृद्धि हार्मोन इन ए ए 100 से 200 पीपीएम 18 से 20 प्रतिषत यूरिया का घोल बनाकर छिड़काव करें। संतरे की फसल बहार खत्म होते ही पौधों से सुखी एवं रोग ग्रस्त शाखाओं को सावधानी से से कटाई छटाई करें। संतरे में तने के चारों तरफ सफाई करके लगभग 1 मीटर की ऊंचाई तक बोर्ड पेस्ट चुना एवं नीला थोथा का घोल से पुताई करना सुनिश्चित करें। जिससे तने में लगने वाले कीड़ों, बीमारियों को नियंत्रित करने के साथ-साथ अधिक तापक्रम से गर्मियों में भी पौधों को बचाया जा सके। वर्तमान में संतरे के पौधों में हाइड्रिला लीफ माइनर कीट का प्रकोप होता है।  इनके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली या एवामेक्टीन बांजोएट,क्विनालफास 2 एमएल प्रति लीटर  पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यदि कीट का प्रकोप होता है, तो दूसरा दिन के अंतराल में करें।

हिन्दुस्थान संवाद

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