टीकाकरण के प्रति जागरूकता के लिये जनप्रतिनिधी आगे आये
विषम परिस्थिति में भी हमने किया इलाजः डॉ.सर्वे
सिवनी, 08 जून । जिले में कोविड महामारी की दस्तक प्रथम चरण में धनौरा विकासखंड में दी थी। और यहां पर अनेक मरीज जो जिले सहित अन्य जिलों में उपचार के लिए भी गये थे,लेकिन इस विषम परिस्थिति में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनौरा के खंड चिकित्सक अधिकारी जेके प्रसाद एवं जगदीश सर्वे सहित बीडीएस एवं फार्मासिस्ट तथा एएनएम के प्रयासों से वहां के हालात को बदलने में सफलता पायी है।
ऐसे हुये हम कामयाब-
इस संबंध में डॉ.जगदीश सर्वे ने बताया कि इस क्षेत्र में जो गंभीर मरीज आये उन्हें नियमानुसार जबलपुर भेजा गया,और वहां के चिकित्सकों से लगातार संपर्क एवं संवाद किया गया। जिसके कारण मरीजों को हम कोरोना जैसी महामारी से निजात दिलाने में कामयाब हो पाये। हमसे इस क्षेत्र के कुछ गांव में टीकाकरण को लेकर गांव वालों ने अनेक सवाल किये है कि इन दिनों बाजार में नकली इंजेक्शन का टीकाकरण किया जा रहा है। जिसको लेकर मौके पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों से हमने अनुरोध किया कि अगर जनप्रतिनिधी ऐसे गांव में जाकर स्वयं टीकाकरण करवायेंगे तो निश्चित ही लोगों में जागरूकता आयेगी। और हम टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए किल कोरोना अभियान में सफल हो पायेंगे।
3 एमबीबीएस की अतिरिक्त जरूरत-
डॉ. सर्वे ने बताया कि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 3 एमबीबीएस, 3 अन्य तथा 3 फार्मासिस्ट डॉक्टर है। साथ ही 5 नर्स के अतिरिक्त 4 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, जो 114 गांव में इस कोरोनाकाल में भी अपनी सेवाऐं दे रहे है। यहां पर 3 एमबीबीएस डॉक्टर की अतिरिक्त आवश्यकता है। और हमे विश्वास है कि लोगों में जागरूकता से ही हम कोरोना को खत्म करने में कामयाब हो सकते है। लोगों को अब किसी प्रकार का भ्रम नही होना चाहिए। और लोगों को टीकाकरण ना केवल स्वयं को कराना चाहिए,बल्कि अन्य अड़ोस-पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
जान जोखिम में डाल किया इलाज-
कोरोनाकाल में अनेक विभाग के लोगों ने अपना सहयोग दिया है। यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मचारी,शिक्षक से लेकर पुलिस विभाग से जुड़े लोग भी अपनी जान को जोखिम में डालकर लगे रहे है। निश्चित ही मानव को बचाने के लिए यह समय ऐसा समय था जब लोगों को सेवा की आवश्यकता थी। और अगर हम इस कार्य से हटते तो निश्चित ही यह उन मरीजों के लिए अभिशाप होता।
हिन्दुस्थान संवाद