क्‍या मालदीव को आगे कर नया बेस तैयार करने के फिराक में चीन, जहाज देख भारतीय नौसेना हुई अलर्ट

Indian Navy carries out joint wargames with Australia, Indonesia navies

नई दिल्‍ली । मालदीव (maldives)की तरफ बढ़ रहे चीन के एक अनुसंधान पोत (research vessel)पर भारत लगातार नजर बनाए हुए है। खबर है कि पोत सोमवार सुबह हिंद महासागर (Indian Ocean)क्षेत्र में पहुंच गया है। खास बात है कि यह घटना ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण है। वहीं, कुछ समय पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी चीन की यात्रा कर लौटे हैं। खास बात है कि बीते साल श्रीलंका में भी चीनी पोत पहुंचा था।

खबरें हैं कि श्रीलंका ने इस पोत को अपने बंदरगाह पर रोकने की इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद यह मालदीव की तरफ रवाना हुआ है। चीन का यह रिसर्च वैसल या पोत इंडोनेशिया के सुंडा स्ट्रेट के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र यानी IOR में पहुंचा है। इसका नाम शियांग यांग हॉन्ग 03 बताया जा रहा है।

एक रिपोर्ट में भारतीय अधिकारी के हवाले से बताया गया, ‘यह पोत फरवरी के पहले सप्ताह में मालदीव पहुंच सकता है।’ अधिकारी ने जानकारी दी, ‘भारतीय नौसेना इसकी गतिविधियों पर बारीकी से नजरें बनाए हुए है।’

श्रीलंका से भी हो चुका है तनाव

बीते साल अक्टूबर में शी यान-6 कोलंबो पहुंचा था। इससे पहले चीन का युद्धपोत हाई यांग 24 हाओ भी वहां गया था। अब इससे पहले अगस्त 2022 में एक और चीनी पोत युआन वांग-5 के हंबनटोटा जाने को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच बड़ा राजनयिक विवाद भी हो गया था। खास बात है कि भारत लगातार चीन के पोतों को पनाह देने के लिए श्रीलंका के सामने आपत्तियां जताता रहा है।

हिंद महासागर में चीन का दखल

IOR में चीन के 6 से 8 युद्धपोत मौजूद हैं। इनके अलावा कई रिसर्च या जासूसी पोत भी जलक्षेत्र में हैं। खबरें हैं कि चीन अफ्रीकी ईस्ट कोस्ट से लेकर मलाका स्ट्रेट तक बेस तैयार करने की तैयारी कर रहा है।

भारत और मालदीव के रिश्ते

मुइज्जू पहले ही मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए अल्टीमेटम दे चुके हैं। उन्होंने चीन की यात्रा के बाद तारीख का ऐलान कर दिया था। उन्होंने भारत आने से पहले चीन जाने का फैसला किया था। इस दौरे पर मालदीव और चीन सरकार के बीच कई द्वीपक्षीय समझौतों पर भी हस्ताक्षर हुए थे।

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