सिवनीः यौनकर्मी सम्मानपूर्वक जीने और कानून के अंतर्गत समान संरक्षण के हकदार – जिला विधिक सहायता अधिकारी
यौन कर्मियों पर आयोजित की गई कार्यशाला
सिवनी 08 जुलाई। प्रत्येक यौन कर्मी को संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत सम्मानपूर्वक जीवन जीने का हक है यौनकर्मियों को कानून के अंतर्गत समान संरक्षण के हकदार हैं। जब यह स्पष्ट है कि यौनकर्मी एडल्ट है और सहमति से वैश्यावृत्ति में है, तो पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करने या उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही करने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब है कि अब पुलिस यौनकर्मियों के काम में साधारण परिस्थितियों में बाधा नहीं डाल सकती है। यह बात शुक्रवार को जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी श्रीमती दीपिका ठाकुर, ने जिला न्यायालय परिसर में आयोजित शिविर में उपस्थित यौनकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा यौन कर्मियों के संबंध में पारित किये गये आदेश के संबंध में जानकारी देते हुये कही।
उन्होनें सुप्रीम कोर्ट द्वारा यौनकर्मियों के संबंध में दिये गये अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई एवं अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।
शुक्रवार को जिला स्तरीय एड्स नियंत्रण सोसायटी एवं जनमंगल संस्थान से समन्वय स्थापित किया जाकर यौन कर्मियों के लिए एक दिवस कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें यौन कर्मियों के पहचान पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आई.डी. बनाने के संबंध में जानकारी प्रदान की गई तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने एवं उनके कानूनी अधिकारों के संबंध में जागरुक किया गया।
हिन्दुस्थान संवाद