Seoni: गंभीर सनसनीखेज प्रकरण के आरोपित डिप्टी रेंजर व अधीनस्थ चौकीदारों को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास

सिवनी, 16जनवरी। जिला न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद की न्यायालय ने सोमवार को वर्ष 2018 में बरघाट थाने में दर्ज गंभीर सनसनीखेज प्रकरण के आरोपित डिप्टी रेंजर सहित अधीनस्थ 5 चौकीदारों को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मीडिया सेल प्रभारी एवं अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार भौरे ने सोमवार की रात्रि बताया कि वन परिक्षेत्र अधिकारी बेहरई मुन्नालाल मिश्रा ने 06 जून 18 को बरघाट थाने में उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन दिया था कि डिप्टी रेंजर संतोष उइके ने 05 जून 18 की सुबह 6.30 बजे ग्राम गांगपुर के रूपचंद (42) पुत्र सखाराम यादव को जंगल से पकड़ कर अपने शासकीय निवास स्थान पर लेकर आया औऱ उससे चौकीदारो के साथ मिलकर मारपीट कर पूछताछ की जिससे उसकी मृत्यु शाम 4 बजे हो गई। और चौकीदारों के साथ मिलकर साक्ष्य छिपाने की गरज से मृतक के शव को बेहरई के जंगल मे ले जाकर रात्रि में ही दाह संस्कार कर दिया।
जिस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर विवचेना किट, कैमरा, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला वैज्ञानिक अधिकारी, एवं थाना स्टाफ एवं आरोपित डिप्टी रेंजर संतोष उइके को गिरफ्तार कर उसके बताये मेमोरेण्डम कथन पर उसके बताये अनुसार घटना स्थल पर पहुंचकर देखा की मृतक रूपचंद यादव का शव की चिता बालाघाट वन क्षेत्र की सीमा मे जल रही है। मृतक का शव पूर्ण रूप से जल चुका था चिता में राख के अंदर आग सुलग रही थी जिस पर पुलिस ने मौके का पंचनामा तैयार कर मृतक की चिता से उसकी हड्डीयां, राख, एवं घटना स्थल की मिट्टी जब्त की।
आगे गताया गया कि पुलिस ने मर्ग जांच के गवाह चौकीदार बैरागी सिरसाम से पूछताछ की जिसने बताया कि 05 जून 18 की सुबह डिप्टी रेंजर संतोष उइके के पास चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, संतोष चौकीदार(खवासा), सरवन विश्वकर्मा (सिवनी) चौकीदार, ने रूपचंद यादव को जंगल से पकड़ कर डिप्टी रेंजर संतोष उड़के के शासकीय भवन घीसी में लेकर आये एवं डिप्टी रेंजर संतोष उइके, चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, संतोष चौकीदार, सरवन विश्ववकर्मा चौकीदार, एवं संतोष पुत्र देवा जी लोहार चौकीदार निवासी कौडिया एवं गांगपुर के चौकीदार फूलसिंह उइके, दिलीप ठाकरे, ने रूपचंद यादव से पूछताछ कर हाथ मुक्कां एंव डंडा से मारपीट किये एवं उसकी हत्या कर दिये और मृतक रूपचंद यादव के शव के साक्ष्य को छिपाने की गरज से डिप्टी रेंजर संतोष उइके ने स्वयं की फोरव्हीलर गाडी मे रात्रि मे ही मृतक रूपचंद के शव को ले जाकर बेहरई के जंगल मे ले जाकर जला दिये।

आगे बताया गया कि पुलिस द्वारा मर्ग जांच के दौरान घटना स्थल जहां मृतक रूपचंद यादव को मारपीट कर उसका शव रखा गया था उसका निरीक्षण किया गया और मौके पर फर्श मे आंशिक मात्रा में रक्त मिलने पर जब्ती की कार्यवाही की गई। सम्पूर्ण मर्ग जांच पर डिप्टी रेंजर संतोष उइके एवं उसके चौकीदार सिकेन्द्र हरिनखेडे, सुरेन्द्र हरिनखेडे, संतोष चौकीदार, सरवन विश्वकर्मा चौकीदार, संतोष पिता देवाजी लोहार चौकीदार, फूलसिंह उइके चौकीदार एवं दिलीप ठाकरे चौकीदार का कृत्य भादवि की धारा 302, 201, 147 के तहत पाये जाने पर अपराध पंजीबध्द किया गया एवं विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी खेमेन्द्र जैतवार के द्वारा की गई ,विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश खालिद मोहतरम अहमद की न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकेश घोरमारे वरिष्ठ सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ने पैरवी करते हुए सबूत रखे, प्रकरण के गवाह न्यायालय में अपने पुलिस को दिए कथनों से मुकर गए थे परंतु वैज्ञानिक सबुत एवं परिस्तिथिजन्य सबूत के आधार पर न्यायालय ने सोमवार को आरोपित संतोष पुत्र परसादी लाल उइके डिप्टी रेंजर, चौकीदार फूलसिंह पुत्र बादामी उइके, दिलीप पुत्र दीपचंद ठाकरे, सरमन पुत्र बलिराम विश्वकर्मा, संतोष पुत्र देवाजी मेश्राम, संतोष पुत्र दशरथ धराडे सभी 6 आरोपितों को भादिव की धारा 302 में आजीवन कारावास एव 3-3 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं अन्य 2 आरोपित सिकेन्द्र हरिनखेड़े, एवं सुरेंद्र हरिनखेड़े को सबूतों के अभाव मे बरी किया है।
हिन्दुस्थान संवाद

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