सिवनीः बागरी जाति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर अभा अजा परिषद में भारी आक्रोश,आठ सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन

सिवनी, 18 अगस्त। जिले में निवासरत अनुसूचित जाति की 13 जातियों के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद मध्यप्रदेश के बैनर तले रविवार को जिला मुख्यालय में बागरी जाति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर अभाअजा परिषद द्वारा भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए बालाघाट-सिवनी सांसद डॉ.ढालसिंह बिसेन का पुतला दहन करने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी के कारण पुतला दहन का कार्यक्रम सफल नही हो पाया। आंदोलन के बाद अभाअजा परिषद द्वारा अंबेडकर चौक में राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा है।


अभाअजा परिषद मध्यप्रदेश के जिला सिवनी के अध्यक्ष बालकराम बम्हने ने रविवार की शाम को जानकारी दी कि रविवार को जिले में निवासरत अनुसूचित जाति की 13 जातियों के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद मध्यप्रदेश के बैनर तले आंदोलन आयोजित किया गया। जिला कलेक्टर को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि सिवनी जिले में निवासरत राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति को अनुसूचित जाति की सुविधाएं व आरक्षण पर तत्काल रोक लगाया जायें साथ ही राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति के सदस्यों द्वारा पूर्व में बनाये गए जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जावे व फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय नोकरी कर रहे लोगों को सेवा से पृथक किया जावे तथा ऐसे शासकीय सेवकों पर आपराधिक मामला दर्ज करते हुए उनके द्वारा प्राप्त वेतन की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा की जावे । स्थानीय निर्वाचन ( पंचायत चुनाव 2022 ) के पंच , सरपंच , जनपद सदस्य , जिला पंचायत सदस्य के द्वारा झूठे शपथपत्र के आधार पर अनुसूचित जाति की आरक्षित सीटों से निर्वाचित राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति के सदस्यों को पद से पृथक करते हुए उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाने की मांग की गई।
सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय छानबीन समिति के द्वारा बागरी जाति के कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र के आदेश विधिसंगत आदेश न होने के कारण उन पर रोक लगाई जावे एवं पूर्व में बागरी जाति के कर्मचारियों के पक्ष में किये गए आदेशों पर पुनरावलोकन कर नए सिरे से आदेश पारित किए जावें ।
वर्ष 2023 में होने वाली जनगणना में सिवनी जिले के राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति को जाति के कालम में सामान्य जाति के रूप में दर्ज किया जाये ।इस हेतु जिलास्तर के जनगणना कार्य के नोडल अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जावें ।वही सिवनी बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ ढालसिंह बिसेन द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर 2 जातियों में आपसी वैमनस्यता व शत्रुता पैदा करने व नकली फर्जी लोगों को अनुसूचित जाति का गलत फायदा दिलवाने के प्रयास पर आपराधिक मामला दर्ज किया जावे। पूर्व में सिवनी विधानसभा के विधायक दिनेश राय के द्वारा भी विधानसभा में राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति को अनुसूचित जाति का फायदा दिलवाने के लिए विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था , सिवनी विधायक के विरुद्ध भी 2 जातियों में वैमनस्यता पैदा करने के सम्बंध में आपराधिक मामला दर्ज किया जायें । वही सिवनी जिले में निवासरत राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति के सदस्यों द्वारा पूर्व में बनाए गए जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर प्राथमिक शिक्षा , उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा में प्राप्त आरक्षण तत्काल बंद कराया जावे तथा निर्वाचन में झूठे शपथपत्रों के आधार पर नामांकन फार्म दाखिल करने से रोका जावे। इस विषय पर राज्य सरकार राज्य निर्वाचन आयोग को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करे ।
ज्ञापन में कहा गया कि मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति जो सम्पन्न मालगुजार हैं , अपने नाम के आगे ठाकुर लिखते हैं , मूल अनुसूचित जाति के लोगों के साथ जातिगत छुआछूत व भेदभाव करते हैं , अस्वच्छ धंधों में लिप्त नहीं रहते , जाति नामों में समानता का फायदा उठाकर चोरी छिपे प्रलोभन देकर अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति का फायदा उठा रहे हैं जिसमें फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर राजपूत ठाकुर की उपजाति बागरी जाति के सैकड़ो लोग शासकीय सेवाओं एवं निर्वाचन में भाग ले रहे हैं जिससे मूल अनुसूचित जाति को प्राप्त संवैधानिक आरक्षण का हनन हो रहा है जबकि राज्य सरकार वर्ष 1978 से बागरी जाति को राजपूत ठाकुर की उपजाति ऽ मानकर अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने से रोक रही है किंतु मध्यप्रदेश में कांग्रेस एवं भाजपा अपने राजनैतिक फायदे के लिए ओछी राजनीति करते हुए फर्जी एवं नकली लोगों को अनुसूचित जाति का फायदा दिलाने का प्रयास करते रहते हैं । राज्य सरकार की अनुशंशा पर भारतीय संसद द्वारा अनुसूचित जाति संविधान संशोधन बिल 2007 पारित कर अनुसूचित जाति की सूची क्रमांक 02 पर बागरी / बागड़ी के आगे राजपूत एवं ठाकुर की उपजाति बागरी छोड़कर संशोधित किया गया है। इस तथ्य की जानकारी सांसद व विधायक को होने के बाद भी गुमराह करने के आशय से विरोधाभास पैदा किया जा रहा है।
बालकराम बम्हने ने कहा कि सिवनी जिले में अनुसूचित जाति वर्ग की बहुतायत में संख्या है जिस पर लगातार अन्याय , अत्याचार व शोषण की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।अपराधियों के हौसले लचर कानून व्यवस्था होने के कारण बुलंद हैं। अपराधों को रोकने के लिए कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जावे एवं अपराधियों को फास्ट्रेक कोर्ट के माध्यम से तत्काल दंडित कर पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाये जाने को लेकर रविवार को अनुसूचित जाति के लोगों ने भारी संख्या में ज्ञापन सौंपा है।

हिन्दुस्थान संवाद

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