सिवनीः गरबा सनातन संस्कृति के गर्व का आयोजन है इसे कलंकित न होने देवें- मातृशक्ति संगठन

मातृशक्ति संगठन की विनम्र अपील
सिवनी, 04 सितम्बर। जिले के मातृशक्ति संगठन ने रविवार को जिला प्रशासन सहित जिलेवासियों से विनम्र अपील की है कि गरबा सनातन सँस्कृति के गर्व का आयोजन है इसे कलंकित न होने देवें। गरबा का शाब्दिक अर्थ है गर्भ दीप। गर्भ दीप को स्त्री के गर्भ की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है। इसी शक्ति को मां दुर्गा के स्वरूप में पूजा जाता है।

मातृशक्ति संगठन की अध्यक्ष सीमा चौहान ने रविवार की रात्रि जानकारी देते हुए कहा कि शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माँ दुर्गा भवानी की पूजा आराधना का पर्व नवरात्रि शक्ति के आव्हान का उत्सव है। किंतु अब इस आयोजन को केवल और केवल गरबा,रास डाँडिया तक ही समेट दिया गया है। गरबा नवरात्रि पर्व का अभिन्न अंग है। लेकिन आज जिस तरह के गरबे का आयोजन हो रहा है वह किंचित मात्र भी शास्त्र सम्मत नहीं है। मूल रुप में माँ दुर्गा भवानी के प्रतीक रूप में कलश जला कर उसके चारों ओर भक्ति भाव से दुर्गा माँ की स्तुति करते हुए गोल घूम कर धार्मिक नृत्य करने की सनातन परंपरा रही है।लेकिन आज जिस प्रकार के विभिन्न लॉन किराए पर लेकर गरबा खिलाया जा रहा है उनमें दूर दूर तक माँ भवानी की भक्ति का भाव नहीं है। इस बात का ध्यान तो आयोजन समितियों को सबसे पहले रखना चाहिए।
सीमा चौहान ने कहा कि मातृशक्ति संगठन सिवनी के युवाओं एवं युवतियों से हाथ जोड़ कर आग्रह करता है कि आप अपने ही धर्म को लांछित और कलंकित न करें। और शास्त्रीय परंपराओं को ताक पर रख कर जहाँ गरबा के नाम पर हुडदंग मचा कर अपने ही धर्म की खिल्ली उड़ाई जा रही है ऐसे गरबा नृत्य का घोर विरोध करे।
मातृशक्ति संगठन बार-बार अपील करता रहा है कि हमारी भोली-भाली बेटियों को बहुत संभल कर रहने की आवश्यकता है क्योंकि गरबा के नाम पर अनेक असामाजिक तत्व, एवं विधर्मी लोग विभिन्न लॉन में ऐसे आयोजन कर रहे हैं जहाँ न समुचित लाईट की व्यवस्था है न सुरक्षा की ,यदि ऐसी जगहों पर कुछ अप्रीतिकर घटना घटित होती है तो इसका जबाबदार कौन होगा ? गरबा धार्मिक उत्सव है न की रंगरेलियां मनाने की सैरगाह है।
संगठन प्रशासन से भी विनम्र निवेदन करता है कि गरबा आयोजकों से पूछताछ के बाद पूर्णतः आश्वस्त होने के बाद ही गरबा आयोजन की अनुमति देवें ।
संगठन सिवनी के सम्मानित माता-पिता से भी आग्रह करता है कि अपने बेटे बेटियों को ऐसे गरबा पंडालों में न भेजें जहाँ माता-पिता को गरबा के नाम पर बेवकूफ बनाया जा रहा है।
नगर के कुछ लॉन ऐसे है वहाँ केवल लड़के-लड़कियों को ही अनुमति है एवं टॉर्च गरबा चल रहा है। युवक-युवतियों से मोबाइल के टॉर्च में अश्लील गानों पर नाच नचाया जा रहा है और इसे नाम दिया जा रहा है गरबा। ये गरबा हो ही नहीं सकता इसे तो नाइट क्लब नाम दिया जाना चाहिए। क्या माता पिता की जिम्मेदारी नहीं बनती की वो अपनी बेटियों को गरबा खेलने कहाँ भेज रहे हैं इस बात की पूरी जानकारी रखें। किसी अप्रिय स्थितियों और घटनाओं सें आँखें न मूँदें।
किसी अप्रिय घटना के घटित हो जाने पर सरकार, शासन, प्रशासन एवं सामाजिक संगठन को दोषी करार दे दिया जाएगा। लेकिन तब तक हाँथ में कुछ नही रह जायेगा अतः सावधान हो जाएं सुरक्षित रहें।
हिन्दुस्थान संवाद
follow hindusthan samvad on :