प्राकृतिक खेती पूर्णतः रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक व खरपतवार नाशक से मुक्त- नितिन कीर्ति गनवीर

सिवनी, 31 जुलाई। प्राकृतिक खेती पूर्णतः रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक व खरपतवार नाशक से मुक्त है। जिले में प्राकृतिक खेती पद्धति को सुनियोजित ढंग से अपनाने और बढावा देने के लिए कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा सतत विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित कर कृषको को लाभान्वित किया जा रहा है। यह बात शुक्रवार 29 जुलाई को छपारा एवं लखनादौन में आयोजित कृषकों के प्रशिक्षण कार्यकम में कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के उप परियोजना संचालक आत्मा नितिन कीर्ति गनवीर ने कही।


उन्होनें कृषकों से कहा कि प्राकृतिक खेती मे जीवांमृत, घनजीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र आदि का उपयोग किया जाता है। जीरो बजट प्राकृतिक खेती देसी गाय के गोबर एवं गौमुत्र पर आधारित है। 1 एकड़ क्षेत्र के लिये जीवांमृत बनाने हेतु देसी गाय का 10 किलो गोबर, 10 ली. गौमुत्र, 1.5 किलो गूड़ और 1 किलो बेसन, बरगद या पीपल के पेड़ के निचे की मिट्टी 1 कि.ग्रा. एवं 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जीवांमृत 6 से 8 दिनो मे बनकर तैयार हो जाता है, इसे खेत मे डालने से जीवाणुओ की संख्या मे वृद्धि व प्राकृतिक तरीके से पोषक तत्वो मे वृद्धि होती है।


बताया गया कि उप संचालक सह परियोजना संचालक आत्मा मोरिस नाथ के मार्गदर्शन में विकासखण्डों के ब्लॉक टैक्नालॉजी मैनेजर एवं कृषिगत अमले द्वारा उक्त प्रषिक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान संवाद

follow hindusthan samvad on :
error: Content is protected !!