म.प्र.: वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों के अवैध व्यापार के अंतर्राज्यीय अंतराष्ट्रीय गिरोह का 188 व 189वां फरार आरोपी ओडिशा से गिरफ्तार

भोपाल , 18 जून। मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की भोपाल एवं जबलपुर इकाई के संयुक्त दल द्वारा राज्य के बाहर जाकर वन अपराध में विगत 07 वर्षाे से फरार आरोपी एवं वन्यजीव तस्कर समसुददीन खान को ओडिशा राज्य के खुरदा जिले से गिरफ्तार किया गया। जिन्हें न्यायालय खुरदा में पेश कर ट्रांजिक्ट रिमांड लेकर मध्यप्रदेश लाया गया। उक्त योजनाबद्ध तरीके से की गई कार्यवाही के दौरान संगठित गिरोह के एक अन्य सरगना फरार आरोपित कुर्बान अली निवासी ब्रहमपुर गंजाम, ओडिशा को भी गिरफ्तार किया गया। जिसका खुलासा प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश के उपवनसंरक्षक (वन्यप्राणी) ने शनिवार को किया है।
उपवनसंरक्षक (वन्यप्राणी) भोपाल ने बताया कि गिरफ्तार किये गये दोनो आरोपितों की तलाश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स म.प्र. विगत् 07 वर्षाे से कर रही थी। इन आरोपितों को पकड़ने के लिए टीम द्वारा ओडिशा, छत्तीसगढ एवं पश्चिम बंगाल में पूर्व में भी कई बार छापामार कार्यवाही की गई थी। आरोपित समसुददीन खान देश के वन्यप्राणी तस्करों के गिरोह में एक मुख्य सरगना है। जिसके विरूद्ध मध्यप्रदेश में 03 प्रकरण एवं ओडिशा में 02 प्रकरण दर्ज है, जो वन्यप्राणी बाघ, तेन्दुआ एवं पेंगोलिन के अवयवों के अवैध व्यापार से संबंधित है।
आगे बताया कि मध्यप्रदेश में दर्ज प्रकरणों में इन तस्करों द्वारा पेंगोलिन के स्केल्स मुख्यतः उडीसा, छत्तीसगढ़ आन्ध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश से खरीदे जाते थें तथा उसे असम, मिजोरम, मणिपुर के व्यापारी को बेचा जाता है जहाँ व्यापारियों के द्वारा उसे म्यानमार (बर्मा) होते हुये चीन भेजा जाता है।

एसटीएसएफ के द्वारा दुर्लभ प्रजाति वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी का अंतर्राज्जीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह संभवतः देश की सबसे बडी वन्यप्राणी अपराध संबंधी विवेचना है। जिसमे एसटीएसएफ द्वारा विगत 07 वर्षाे में 187 आरोपियों को देश के 14 राज्यों से गिरफ्तार किया जा चुका है। उक्त दोनो गिरफ्तार वन्यजीव तस्कर 188 व 189 नम्बर के आरोपी है।
इंटरपोल द्वारा पेगोलिन को विश्व में सबसे ज्यादा तस्करी किया जाने वाला स्तनपायी कहा है। वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी एशिया व अफ्रीका के कई देश से की जाती हैं। इसकी मांग मुख्यतः चीन, म्यानमार, थाईलैण्ड, मलेशिया, हॉगकॉग वियतनाम आदि देशों में है। उक्त दोनों आरोपियों को सीजेएम न्यायालय जबलपुर के समक्ष पेश कर फॉरेस्ट रिमांड पर लिया जाएगा।
हिन्दुस्थान संवाद

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