M.P.: बिजली विभाग प्रदेश सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका-सौरभ नाटी शर्मा

सिवनी, 13 नवंबर। पूरा का पूरा बिजली विभाग प्रदेश सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है, जिसका खामियाजा इस प्रदेश के आम बिजली उपभोक्ता भुगत रहे है। बिजली विभाग की इन भ्रष्ट नीतियों एवं आम बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं के निरारण के लिये म.प्र. कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा म.प्र. कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जिसके माध्यम से समूचे मध्यप्रदेश में इस संगठन की इकाईया तैयार कर बिजली विभाग के खिलाफ संघर्ष किया जायेगा। यह बात रविवार की दोपहर को जिला मुख्यालय स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय के इंदिरा भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान म.प्र. कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने कही है।

सौरभ नाटी शर्मा ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में ऐसा कोई परिवार नही है जो बिजली विभाग की मार न झेल रहा हो, कांग्रेस पार्टी ने निरंतर कई वर्षाे से इन पीड़ित बिजली उपभोक्ताओं की आवाज उठाई है। कमलनाथ के नेतृत्व में बनी प्रदेश सरकार में लिये गये निर्णयों को आज भी प्रदेश के बिजली उपभोक्ता सराहते है, चाहे 100 रू. में 100 यूनिट बिजली, फिर चाहे बिजली विभााग के आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों के हक में निर्णय लिया जाना। जहॉ एक तरफ कांग्रेस पार्टी जब सत्ता सरकार में आती है तो बिजली विभाग के द्वारा उत्पन्न की जा रही समस्याओं से निजात दिलाने के लिये और आम बिजली उपभोक्ताओं के हक में निर्णय लेती है, वही दूसरी तरफ जब भारतीय जनता पार्टी सरकार में रहती है तो बिजली विभाग को कमाई के अड्डे के तौर पर इस्तेमाल कर आम बिजली उपभोक्ताओं की जेब में डाका डाला जाता है।
उन्होनें बताया कि बिजली विभाग के द्वारा आम बिजली उपभोक्ताओं को म.प्र. विधुत प्रदाय संहिता में प्रदत्त अधिकारों को छुपाया जाता है और सिर्फ और सिर्फ उन्हीं बातों को सार्वजनिक किया जाता है, जो कम्पनी के हित में हो, जिसके उदाहरण निम्नबिन्दू है। विद्युत लोकपाल कम्पनी लेवल फोरम का आफिस बनकर रह गया है। उपभोक्ता प्रतिनिधियों को जैसा रेग्युलेशन 2021 में प्रावधान है, को पदस्थ ही नही किया गया है जिससे उपभोक्ता की शिकायत का कोई निराकरण निष्पक्ष रूप से नही हो पा रहा है। विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका 3.1 के सिटी सर्किल लेवल पर शिकायत निवारण फोरम का गठन कर उसे सुचारू रूप से क्रियाशील करने का नियम है किन्तु सिवनी में इस तरह का कोई फोरम का गठन ही नही किया गया।
आगे बताया कि बिजली विभाग द्वारा विगत कुछ माह से आम बिजली उपभोक्ताओं को पेपर लेस बिजली बिल मुहैया कराया जा रहा है वैसे तो इस व्यवस्था में अनेको विसंगतिया है, मगर दो अति महत्वपूर्ण है। पहला मध्यप्रदेश की बहुत बडी आबादी मोबाईल पर संदेश को न पढ़ पाते है न ही समझ पाते है, जिसके कारण बिजली बिल की जानकारी से वह अनभिज्ञ रहते है। बिलो की अनदेखी के चलते बिल नही भर पाते है विभाग द्वारा उन्हें बिना सूचना दिये लाइनें कॉट दी जाती है और अनाप-शनाप पेनाल्टी थोपी जाती है, दूूसरा पूर्व में बिजली विभाग के द्वारा आम बिजली उपभोक्ताओं को जो प्रिंटेड बिल दिया जाता था उसमें पूर्ण ब्यौरा अंकित रहता था जैसे कि यूनिट खपत, सुरक्षा निधि, उर्जा कर, इत्यादि इस पेपर लेस व्यवस्था के चलते आम बिजली उपभोक्ताओं में भ्रम व्याप्त है पूर्व की तरह उपभोक्ताओं को बिजली बिल दिये जाये। वर्तमान में सिंचाई के लिये औसतन 6 घंटे बिजली कही भी नहीं दी जा रही है थोडी बहुत बिजली दी जा रही है वह भी रात के समय जिससे किसानों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। बिजली विभाग किसानों के लिये दिन में 10 घंटे बिजली मुहैया कराना प्रारंभ करें। बिजली विभाग के द्वारा बिजली बिल वसूली के नाम पर आम बिजली उपभोक्ताओं की बिजली एकाएक कभी भी बाधित कर दी जाती है। जबकि विद्युत प्रदाय संहिता की धारा 9.15 में साफ उल्लेख है कि किसी भी उपभोक्ता की सप्लाई 15 दिन पूर्व लिखित नोटिस के बिना नही काटी जा सकती। बिजली उपभोक्ता के बिजली मीटर के जल जाने, खराब हो जाने, टूट जाने आदि स्थिति में उस मीटर को पुनः स्थापित करने पूरी राशि उक्त उपभोक्ता से वसूली जाती है। जबकि विद्युत प्रदाय संहिता के तहत अगर मीटर इनपुट से खराब होता है तो उसका हर्जाना कम्पनी को देना पड़ता है वही अगर आउट-पुट से खराब है तो उपभोक्ता को भुगतान करना पड़ता है। विद्युत मीटर 5 वर्ष की गॉरंटी पर होते है मीटर खराब होने पर पूरी राशि उपभोक्ता पर थोप दी जाती है। बिजली विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा लाइन मेनों को हर फीडर में प्रतिमाह चोरी के 100 प्रकरण बनाने का लक्ष्य दिया जाता है और दबाव बनाया जाता है कि कही चोरी का प्रकरण बनाना सम्भव न हो तो ओवर लोड का प्रकरण बनाया जाये जो अभी सिवनी में ओवर लोड के प्रकरण बनाये जा रहें है वह इसी का परिणाम है।
इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार खुराना, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष ब्रजेशसिंह लल्लू बघेल, नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान, जेपीएस तिवारी, एड़ पंकज शर्मा, विष्णु करोसिया, इमरान पटेल, राजिक अकील, दादू निखिलेन्द्रनाथ सिंह, नितिन शुक्ला, सुमित मिश्रा, नब्बू भाई, संदीप चौहान, जयप्रकाश परिहार सहित जिला कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान संवाद