कल्लाकुरिची छात्रा आत्महत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मृतका के पिता को याचिका वापस लेने की दी अनुमति

नई दिल्ली, 21 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली छात्रा के पिता को शव के दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए गठित डॉक्टरों के पैनल में अपनी पसंद के डॉक्टर को शामिल करने की मांग वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को मद्रास हाई कोर्ट के समक्ष एक नया आवेदन दायर करने की छूट दे दी।
स्कूल के अधिकारियों के कथित दुर्व्यवहार से एक निजी स्कूल परिसर में छात्रा की मौत हो गई थी। इसके बाद इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि जब मद्रास हाई कोर्ट ने आपके पक्ष में फैसला दिया है तब आपके याचिका दाखिल करने का उद्देश्य क्या है। इस पर याचिकाकर्ता के वकील राहुल श्याम भंडारी ने कहा कि वो पोस्टमार्टम करने वाले पैनल में अपनी पसंद का फोरेंसिक विशेषज्ञ चाहते हैं। तब कोर्ट ने पूछा कि हाई कोर्ट और आपके बीच किस पर भरोसा किया जाए। तब भंडारी ने कहा कि मामले की जांच काफी लापरवाही से की गई और पीड़िता के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप पर भी गौर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई है, लेकिन राज्य सरकार का रुख ठीक नहीं है।
भंडारी ने कहा कि 19 जुलाई को मामला लंबित होने के बावजूद राज्य सरकार ने माता-पिता की अनुपस्थिति में दूसरा पोस्टमार्टम किया। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपको दूसरे पोस्टमार्टम की सूचना दी गई थी तो भंडारी ने कहा कि रात दस बजे वकील को सूचित किया गया कि दोपहर एक बजे पोस्टमार्टम किया जाएगा। कल्लाकुरिची चेन्नई से लगभग तीन घंटे की दूरी पर है। याचिकाकर्ता को विश्वास में भी नहीं लिया गया। तब कोर्ट ने कहा कि ये सभी बातें हाई कोर्ट के समक्ष रखें।
इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार/संजय/वीरेन्द्र
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